शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. kids poem

बाल गीत : राम कटोरे

बाल गीत : राम कटोरे - kids poem
सिर पर बस्ता लादे शाला,
जाते राम कटोरे।
 
मिले आम के पेड़ राह में,
झट उस पर चढ़ जाते।
गदरे- गदरे आम तोड़कर,
बस्ते में भर लाते।
ऊधम में तो ग्राम चैम्पियन,
पढ़ने में बस कोरे।
 
गूलर लगे पेड़ में ऊंचे, 
वहां पहुंच न पाते।
लक्ष्य भेदने तब गुलेल से,
पत्थर वे सन्नाते।
बीन बीनकर गिरे हुए फल,
भर लेते हैं बोरे।
 
गूलर आम बेचकर उनको,
कुछ पैसे मिल जाते।
निर्धन बच्चों की शाळा में,
फ़ीस पटाकर आते।
रामकटोरे मन के सच्चे,
निर्मल, कोमल भोरे।
 
कितने सारे राम कटोरे,
दुनिया में रहते हैं।
बिना कहे ही मदद दूसरों,
की करते रहते हैं।
लोग समझते इन लोगों को,
नटखट और छिछोरे।