बापू के बच्चों कमाल करो
संपादक की चिट्ठी
अक्टूबर की २ तारीख को गाँधीजी का जन्मदिन है। गाँधी जी बहुत सरल इंसान थे। ऐसे कि आज अगर वे होते तो बच्चों को उनके साथ रहने में खूब मजा आता। गाँधी जी ने दुनिया छोड़ने से पहले हमारे सामने बहुत सारी अच्छी बातें रखी थीं। फिर यह हुआ कि उनके जाने के बाद बड़ों ने मिलकर हर शहर में सबसे लंबे मार्ग का नाम एमजी रोड रख दिया गया, उनकी जयंती पर कुछेक कार्यक्रम वगैरा किए और छुट्टी पा ली, पर क्या गाँधीजी के प्रति हमारी श्रद्धा इतनी ही होना चाहिए? या फिर उन्होंने जो रास्ते सुझाए हैं, उस पर चलने की कोशिश करना चाहिए। गाँधीजी को सत्य और अहिंसा से बहुत प्रेम था। इन बातों का महत्व उन्होंने अनुभव से सीखा था। आपकी उम्र में गाँधीजी भी छोटी-मोटी बातों पर झूठ बोल जाया करते थे, पर फिर उन्होंने सच बोलने की सीख ली और जीवन भर उसका अभ्यास किया। गाँधीजी हमेशा कहा करते थे कि हम केवल खुद को सुधारें, इसी से सब अच्छा होजाएगा। हम खुद को बदलकर दूसरों में भी बदलाव ला सकते हैं।गाँधीजी के बारे में एक बात यह भी है कि वे सारे काम जानते थे। बापू को जानने के लिए अनु बंधोपाध्याय की 'बहुरूपी गाँधी' आपकी मदद कर सकती है। गाँधीजी पर यह किताब आपको स्वावलंबी बनने की सीख देगी। आज गाँधीजी की बातों पर अमल करना बड़ों के लिए मुश्किल हो रहा है, पर गाँधीजी का बच्चों पर बहुत विश्वास था। उनका मानना था कि बच्चे हमेशा सही काम के लिए सही रास्ता चुनते हैं। गाँधी जी की बात सच भी है ना? हम उम्मीद करते हैं कि आप बापू के बताए रास्ते पर चलोगे। अच्छे-अच्छे काम करोगे। हमें पक्का विश्वास है कि बापू को मानने वाले बच्चे कमाल जरूर करेंगे।