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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (14:24 IST)

अंतत: गुलाम नबी आजाद की पार्टी को मिला नाम और पहचान, नया नाम रहेगा ' डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी'

अंतत: गुलाम नबी आजाद की पार्टी को मिला नाम और पहचान, नया नाम रहेगा ' डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी' - Ghulam Nabi Azad's party got name and identity
जम्मू। अंतत: कांग्रेस से आजाद हुए पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की नवगठित पार्टी के प्रदेश में हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए पहचान का मामला सुलझ गया है। चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी का नाम स्वीकृत कर लिया है और पंजीकरण भी जारी कर दिया है। लगातार 3 बार नाम भिजवाने के बाद अब पार्टी को 
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी अर्थात डीपीएपी दिया गया है।
 
नवंबर महीने में 13 दिनों में ही उन्हें तीसरी बार पार्टी का नाम बदलना पड़ा था। 26 नवंबर को जब डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से आवेदन किया गया था तो उसके प्रति दुआ की जा रही थी कि वह अब स्वीकृत हो जाए। वैसे पार्टी के भीतरी सूत्र बताते थे कि इस नाम से गुलाम नबी आजाद नाखुश हैं, क्योंकि वे पार्टी के लिए छोटा नाम चाहते थे।
 
मगर मजबूरी में उन्हें ऐसा करना पड़ा है। वे चाहते थे कि जल्द से जल्द पार्टी का नाम स्वीकृत हो और चुनाव चिन्ह भी मिल जाए, क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट आरंभ हो चुकी है। फिलहाल पार्टी को चुनाव चिन्ह मिलना बाकी है।
 
24 नवंबर को गुलाम नबी आजाद की पार्टी के महासचिव की ओर से अखबारों में दिए गए विज्ञापनों के अनुसारउनकी पार्टी के नाम को पंजीकृत करने के लिए चुनाव आयोग को दिए गए आवेदन पर आपत्तियां मांगी गई थीं, क्योंकि पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से पंजीकरण पेश किया गया था।
 
हालांकि सितंबर में जब गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के गठन की घोषणा की थी तो इसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा गया था। तब उन्होंने सैकड़ों समर्थकों की उपस्थिति में इसकी घोषणा करते हुए 26 सितंबर को चुनाव आयोग को आवेदन भी किया, पर चुनाव आयोग ने उस नाम को अस्वीकृत कर दिया था।
 
नतीजतन पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अखबारों आदि में या सम्मेलनों में प्रतिदिन अपनी पार्टी का नाम बदलने को मजबूर हो रहे थे। इससे उनकी किरकिरी भी हो रही थी। हालत यह है कि अब तीसरी बार पार्टी का नाम बदला गया है। नवंबर महीने की 13 तारीख को प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम को भी चुनाव आयोग द्वारा अस्वीकृत कर दिए जाने के कारण पार्टी नेता असमंजस में थे। अब उनकी जान में जान आई है।
 
Edited by: Ravindra Gupta