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Last Updated : सोमवार, 30 अगस्त 2021 (15:42 IST)

जैन समुदाय का रोहिणी व्रत कब है, क्या है इसका महत्व

जैन समुदाय का रोहिणी व्रत कब है, क्या है इसका महत्व - Rohini Vrat
दिगंबर जैन जैन समुदाय में रोहिणी व्रत का बहुत महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। 27 नक्षत्रों में शामिल रोहिणी नक्षत्र के दिन यह व्रत होता है, इसी वजह से इसे रोहिणी व्रत कहा जाता है। यह व्रत आत्‍मा के विकारों को दूर कर कर्म बंध से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
 
इस व्रत में पूरे विधि विधान के सात भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पति की आयु लंबी हो जाती है और उनका स्वास्थ भी अच्छा रहता है। इससे ईर्ष्या, द्वेष, जैसे भाव भी दूर हो जाते हैं। घर में सुख, समृद्धि और धन धान्य की बढ़ोतरी होती है। 
 
उद्यापन के बाद ही इस व्रत का समापन किया जाता है। इस व्रत को कम से कम 5 माह और अधिकतम 5 साल तक किया जाता है। महिलाओं के लिए यह व्रत अनिवार्य माना गया है। हालांकि इस व्रत को कोई भी कर सकता है।
 
कब कब रहेगा रोहिणी व्रत 2021 में :
16 अप्रेल, शुक्रवार रोहणी व्रत
13 मई, गुरुवार रोहणी व्रत
10 जून, गुरुवार रोहणी व्रत
07 जुलाई, बुधवार रोहणी व्रत
03 अगस्त, मंगलवार रोहणी व्रत
31 अगस्त, मंगलवार रोहणी व्रत
27 सितंबर सोमवार रोहणी व्रत
24 अक्टूबर, रविवार रोहणी व्रत
20 नवंबर, शनिवार रोहणी व्रत
18 दिसंबर, शनिवार रोहणी व्रत
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