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Last Updated : मंगलवार, 25 अक्टूबर 2022 (19:45 IST)

Google पर दूसरी बार कार्रवाई, भारत ने लगाई 936.44 करोड़ रुपए की पेनल्टी

Google पर दूसरी बार कार्रवाई, भारत ने लगाई 936.44 करोड़ रुपए की पेनल्टी - Google fined Rs 936 crore in second antitrust penalty this month
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने गूगल पर एक बार फिर जुर्माना लगाया है। गूगल पर उसकी प्ले स्टोर नीति में बाजार प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन होने के आरोप में 936.44 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। इससे पहले भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने Google पर 1337.76 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इंटरनेट प्रौद्योगिकी और सर्च इंजन कंपनी गूगल की प्ले स्टोर नीति में बाजार प्रतिस्पर्धा संबंधी नियमों का उल्लंघन किए जाने के जुर्म में उस पर मंगलवार को 936.44 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया। आयोग ने गूगल को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने आचरण को संशोधित करने का भी निर्देश दिया है।
 
डिजिटल ऐप का विकास करने वालों के लिए ऐप को उसका इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के ऐप स्टोर एक आवश्यक माध्यम बन गए हैं। ये ऐप स्टोर सीधे तौर पर स्मार्ट फोन के ओएस (आपरेटिंग सिस्टम) पर निर्भर है।
 
सीसीआई ने कहा है कि भारत में गूगल स्मार्ट मोबाइल उपकरणों के लिए लाइसेंस योग्य ओएस और एंड्रॉइड स्मार्ट मोबाइल ओएस के लिए ऐप स्टोर के लिए बाजार में वर्चस्व की स्थिति में है और इसके स्वामी अपने वर्चस्व का फायदा उठाते हैं।
 
आयोग ने कहा है कि ऐप डेवलपर्स के लिए इन-ऐप डिजिटल सामान की बिक्री उनके आविष्कार और नवप्रवर्तन से कमाई करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इनकी खरीदारी करने वाले यूजर्स को इन-ऐप डिजिटल सामान वितरित करने के लिए, डेवलपर्स को गूगल ऐप स्टोर की नीति के तहत अपने ऐप को गुगल की भुगतान प्रणाली के साथ कॉन्फ़िगर (जोड़ना) होता है ताकि डिजिटल सामान की सभी खरीदारी गूगल की भुगतान प्रणाली के माध्यम से हो जो उस लेन-देन संसाधित करती है।
 
आयोग ने पाया है कि प्ले स्टोर की नीतियों के तहत आवश्यक है कि ऐप डेवलपर को केवल और अनिवार्य रूप से गूगल प्ले के के बिलिंग सिस्टम (जीपीबीएस) का उपयोग न केवल गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से वितरित/बेचे गए ऐप्स (और ऑडियो, वीडियो, गेम जैसे अन्य डिजिटल उत्पादों) के लिए भुगतान प्राप्त करे बल्कि इसके लिए भी कुछ इन-ऐप खरीदारी के यूजर्स द्वारा प्लेस्टोर से ऐप डाउनलोड/खरीदने के बाद की गई खरीदारी के भुगतान के लिए यही अनिवार्यता है।
 
नीति के अनुसार ऐप डेवलपर ऐप के भीतर यूजर्स को वैकल्पिक भुगतान पद्धति वाले वेबपेज का सीधा लिंक प्रदान नहीं कर सकते हैं या ऐसी भाषा का उपयोग नहीं कर सकते हैं जो यूजर को ऐप के बाहर डिजिटल आइटम खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती है। गूगल ऐप स्टोर की ऐसी विभिन्न नीतियों को प्रतिस्पर्धा कानून के खिलाफ करार दिया है।
 
आयोग की विज्ञप्ति के मुताबिक उसने प्रतिद्वंद्वी यूपीआई ऐप्स को प्ले स्टोर पर प्रभावी भुगतान विकल्प के रूप में बाहर करने के आरोपों की भी जांच की है। यह पाया गया कि गूगल पे को इंटेंट फ्लो कार्यप्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है जबकि अन्य यूपीआई ऐप्स का उपयोग कलेक्ट फ्लो पद्धति के माध्यम से किया जा सकता है। गूगल ने आयोग को बताया है कि उसने हाल ही में अपनी नीति में बदलाव किया है और प्रतिद्वंद्वी यूपीआई ऐप्स को इंटेंट फ़्लो के साथ एकीकृत करने की अनुमति दी है।
 
सीसीआई ने निष्कर्ष निकाला है कि ऐप डेवलपर्स को जीपीबीएस के अनिवार्य उपयोग पर निर्भर किया जाना प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता पाया गया।
 
आयोग ने कहा है कि गूगल ने यूट्यूब जैसे अपने अपने स्वयं के अनुप्रयोगों (ऐप) के लिए अपनी भुगतान प्रणाली जीपीबीएस का उपयोग न करके की छूट देकर भेदभावपूर्ण प्रथा का अनुपालन किया है।
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