मुंबई: पांच बार के चैंपियन मुंबई इंडियंस को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 के सीज़न में 14 में से 11 मुक़ाबले मुंबई के तीन मैदानों पर खेलने है लेकिन कप्तान रोहित शर्मा और कोच महेला जयवर्धने को लगता है कि उनकी टीम को घर पर खेलने का कोई ख़ास फ़ायदा नहीं होगा।
रोहित ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा, "यह नए खिलाड़ियों वाली एक नई टीम है। 70 से 80 प्रतिशत खिलाड़ी पहली बार मुंबई में खेलने जा रहे हैं। केवल मुझे, सूर्या (सूर्यकुमार यादव), (कीरोन ) पोलार्ड, इशान (किशन) और (जसप्रीत) बुमराह को यहां खेलने का अनुभव है। तो अतिरिक्त फ़ायदे जैसी कोई बात नहीं है। हम सभी दो साल बाद मुंबई में खेल रहे हैं। देखा जाए तो पिछले सीज़न में अन्य टीमों को यहां खेलने का मौक़ा मिला था और हमें नहीं।"
जयवर्धने ने रोहित की इस बात का समर्थन करते हुए कहा, "मुझे याद नहीं कि हमने आख़िरी बार मुंबई में कब कोई मैच खेला था, यह शायद दो, ढ़ाई अथवा तीन साल पुरानी बात है। कई दूसरी टीमों ने पिछले सीज़न में यहां मुक़ाबले खेले थे। साथ ही कई खिलाड़ी जो पिछले साल हमारे साथ थे वह अब दूसरी टीमों का हिस्सा हैं। तो देखें तो फ़ायदा उनका होने वाला है।"
श्रीलंकाई दिग्गज की माने तो पिच सभी के लिए एक समान होंगी और टीमों को सही तरीक़े से सभी विभागों में प्रदर्शन करना होगा। जहां मुंबई के तीनों मैदान - वानखेड़े स्टेडियम, ब्रेबोर्न स्टेडियम और डीवाई पाटिल स्टेडियम - की पिचों पर लाल मिट्टी का प्रयोग होता है, पुणे के एमसीए स्टेडियम में काली मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है। जयवर्धने ने कहा, "हमें इसे एक तटस्थ (न्यूट्रल) टूर्नामेंट की तरह देखना होगा। हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि हम सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलें और प्लेऑफ़ में पहुंचे।"
रोहित और जयवर्धने दोनों जानते हैं कि एक नए दल के साथ नए सीज़न की शुरुआत करना टीम के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। रोहित का मानना है कि सबसे मुश्किल कार्य होगी सभी को एक स्पष्ट भूमिका देना। "(टिमाल) मिल्स, (जयदेव) उनादकट और बाक़ी खिलाड़ी इस टीम में नए आए हैं लेकिन वह कई वर्षों से इस खेल को खेल रहे हैं," रोहित ने कहा। "उन्हें ज्ञात है कि उनसे किस चीज़ की उम्मीद की जा रही है। हमें बस उन्हें इस टीम के लिए एक स्पष्ट भूमिका देनी होगी क्योंकि वह अलग-अलग प्रांतों में कई टीमों के लिए खेल चुके हैं। तो उन सभी टीमों और हमारी टीम में उनकी भूमिका में अंतर हो सकता है। यह हमारे लिए एक चुनौती होगी और हम इस पर काम कर रहे हैं।"
कप्तान रोहित ने आगे कहा, "हर बार जब आप एक नई टीम का गठन करते हैं तो आपको नए खिलाड़ियों को अपने सिस्टम और खेलने के तरीक़े में ढालने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। इस प्रक्रिया में हम उनके मज़बूत पक्ष और उनकी रणनीतियों को समझने का प्रयास करते हुए उनके साथ कार्य कर रहे हैं।
जयवर्धने ने इसकी तुलना 2018 के सीज़न से की जब मेगा ऑक्शन के बाद मुंबई को नई टीम का गठन करना पड़ा था। उन्होंने कहा, "तब हमारे पास बुमराह थे और हमें एक नए गेंदबाज़ी क्रम का निर्माण करना था। इससे हमारी तैयारियों में कोई बदलाव नहीं आएगा। कुछ बदलेगा तो यह कि अब हमारे नए गेंदबाज़ों की विशेषताएं अलग होंगी और हमें विभिन्न परिस्थितियों और विपक्षों के ख़िलाफ़ उनका सही प्रयोग करना होगा। रोहित, पॉली, बुमराह और अब इशान और सूर्या जैसों के लिए चीज़ें समान रहेंगी और उन्हें नए खिलाड़ियों को शांत रखने का काम करना होगा।"
इस बार नीलामी में मुंबई ने एक दिलचस्प रणनीति अपनाते हुए पहले दिन एक रिकॉर्ड रक़म ख़र्च करते हुए इशान को ख़रीदा और फिर दूसरे दिन इस सीज़न के लिए अनुपलब्ध रहने वाले जोफ़्रा आर्चर पर आठ करोड़ रुपये ख़र्च किए। रोहित ने कहा कि इस बार की नीलामी उनकी टीम के लिए बहुत कठिन रही, जिसमें उन्हें पांड्या बंधू (हार्दिक और क्रुणाल) को छोड़ना पड़ा जो कई वर्षों से उनके अहम खिलाड़ी थे।
रोहित ने स्वीकार किया कि गुजरात टाइटंस के वर्तमान कप्तान हार्दिक को गंवाना मुश्किल था लेकिन रिटेंशन के नियमों ने टीम को असमंजस में डाल दिया था। उन्होंने कहा, "हार्दिक हमारे एक अहम सदस्य थे। लेकिन नियम हमें सभी खिलाड़ियों को बरक़रार रखने की अनुमति नहीं देते। इस फ़्रैंचाइज़ी में उनके योगदान को कभी नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा। उन्होंने हमेशा अपनी भूमिका को अच्छे तरीक़े से निभाया जो हर किसी के बस की बात नहीं है।"
(वार्ता)