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  4. Chinaman Kuldeep Yadav proved his mettle as a match winner againt
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Last Modified: सोमवार, 11 अप्रैल 2022 (18:38 IST)

4 विकेट लेकर कुलदीप यादव ने साबित कर दिया, 'वो आज भी एक मैच विनर हैं'

4 विकेट लेकर कुलदीप यादव ने साबित कर दिया, 'वो आज भी एक मैच विनर हैं' - Chinaman Kuldeep Yadav proved his mettle as a match winner againt
मुम्बई:यह 2014 की बात है। चेन्नई के बुचि बाबू टूर्नामेंट में कोलकाता नाइट राइडर्स के स्काउट और परफॉर्मेंस एनलिस्ट ए आर श्रीकांत ने कुलदीप यादव को गेंदबाज़ी करते देखा और वह इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत मुख्य कोच ट्रेवर बेलिस को उस साल की नीलामी में उन्हें अपनी टीम में शामिल करने को राज़ी कर लिया।

यह तब से भी पहले की बात है जब कुलदीप यूएई में हुए अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम के सर्वाधिक विकेट लेने गेंदबाज़ बने और उन्होंने स्कॉटलैंड के विरुद्ध हैट्रिक भी ली।

40 लाख से शुरु किया था सफर

केकेआर ने कुलदीप को 2014 में 40 लाख की राशि में ख़रीदा और वह आईपीएल 2022 से पहले तक इस फ्रैंचाइज़ी का हिस्सा थे। कुलदीप का आईपीएल डेब्यू 2016 में आया और अगले दो सीज़न तक 27 मैचों में 8.20 की इकॉनमी से 29 विकेट लेते हुए वह टीम के सर्वाधिक विकेट टेकर रहे।

भारत के लिए निरंतर प्रभावशाली मैचों के बीच 2019 वनडे विश्व कप में एजबेस्टन के एक सपाट पिच पर इंग्लैंड के हाथ मिली धुनाई ने मानो उनकी दुनिया पलट दी। इसके बाद वह भारत के लिए सफ़ेद गेंद क्रिकेट से बाहर तो हुए ही, 2020 तक केकेआर की टीम भी सुनील नारायण के साथ वरुण चक्रवर्ती को प्राथमिकता देने लगी। पिछले साल भी उन्हें एक भी गेम नहीं मिला जब घुटने पर मिली चोट के चलते उन्हें आईपीएल से निकलकर रिहैब के लिए घर लौटना पड़ा।

रविवार को ब्रेबोर्न स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स द्वारा नीलामी में ख़रीदे गए कुलदीप का सामना अपनी पहली आईपीएल टीम से हुआ और एक बड़े स्कोर वाले मुक़ाबले में उनके 35 रन देकर चार विकेटों ने उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी दिलाया।

पर्पल कैप के करीब खड़े हैं कुलदीप

अब तक इस टूर्नामेंट में वह 4 मैच खेलकर 15.4 ओवरों में 116 रन देकर 10 विकेट चटका चुके हैं। वह पर्पलकैप धारक युजवेंद्र चहल से सिर्फ 1 विकेट पीछे हैं। हालांकि कोलकाता के उमेश यादव भी अब तक 10 विकेट ले चुके हैं।

शायद 215 का स्कोर उनकी गेंदबाज़ी के पक्ष में रहा लेकिन कुलदीप ने अपनी विविधता के ज़रिए शक्तिशाली कोलकाता बल्लेबाज़ी क्रम को अपने जाल में फंसाया।

कुलदीप के पहले ओवर में नीतीश राणा ने उन्हें स्लॉग स्वीप पर छक्का मारते हुए अपने इरादे साफ़ कर दिए थे। उधर श्रेयस अय्यर भी अच्छे लय में थे और उनके अक्षर पटेल को सीधा छक्का मारने के बाद रोवमन पॉवेल के एक ओवर में कोलकाता ने 17 रन बना लिए थे।

कुलदीप ने अपनी गति 78.9 किमी प्रति घंटा करते हुए श्रेयस को एक वाइड गेंद डाली लेकिन उसे बल्लेबाज़ ने ताक़त के साथ वाइड लॉन्ग ऑन के पार दे मारा। उसी ओवर में उन्होंने क़दमों का इस्तेमाल करते हुए मिडविकेट के ऊपर एक और बड़ा छक्का लगाया। आंद्रे रसेल और पैट कमिंस की बारी अभी आनी थी और श्रेयस मैच को अपनी पुरानी टीम के चंगुल से छीनने की कोशिश में सफल लग रहे थे।

ब्रेबोर्न की पिच एजबेस्टन से बहुत अलग नहीं थी लेकिन यहां कुलदीप कहीं अधिक आत्मविश्वास के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे। उन्होंने एक बार श्रेयस को आगे बढ़ते देखा और लंबाई अपनी ओर खींचते हुए गुगली पर उन्हें स्टंप करवाया। श्रेयस की शानदार पारी 33 गेंदों पर 54 रन बनाकर ख़त्म हुई।

हैरतअंगेज कैच पकड़कर लगाई दहाड़

इसके बाद मैच के 16वें ओवर में चार गेंदों के भीतर कुलदीप ने कमिंस, नारायण और उमेश यादव के विकेट लेकर कोलकाता की उम्मीदों को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया। कमिंस को सीधी और तेज़ डाली गई स्किडर ने छकाया तो नारायण और उमेश उनकी धीमे से डाली गई स्टॉक लेग ब्रेक पर कैच थमा बैठे। उमेश के बल्ले से लगी बाहरी किनारे को कुलदीप पकड़ने ख़ुद 30 यार्ड के दायरे के पास मिडविकेट तक पहुंचे और गोता लगाकर कैच को पूरा किया। उसके बाद की उनकी दहाड़ ने बताया कि इस दिन का स्पैल उनके लिए क्या मायने रखता था।

क्या वह अपनी पुरानी टीम को कुछ साबित कर रहे थे? मैच के बाद उनके साथी शार्दुल ठाकुर ने कहा कि कुलदीप "ख़ुद को कुछ साबित करने" की कोशिश कर रहे थे। शायद यही कि आज भी कुलदीप यादव एक मैच विनर है।
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