अमेरिका ने की चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों पर वीजा पाबंदी की घोषणा
वॉशिंगटन। अमेरिका ने हुवावेई समेत चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के कर्मचारियों के ऊपर वीजा पाबंदियां लगाने की बुधवार को घोषणा की। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ये पाबंदियां उन कर्मचारियों के ऊपर लगाई जाएंगी, जिनके खिलाफ चीन की सरकार की मानवाधिकार के उल्लंघन में मदद करने के साक्ष्य हैं। इससे चीन तथा अमेरिका के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे संबंध के और बिगड़ जाने की आशंकाएं हैं।
चीन के ऊपर संसाधन संपन्न उत्तर-पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में बड़े पैमाने पर हिरासत, धार्मिक उत्पीड़न और उइगर व अन्य लोगों की जबरन नसबंदी जैसे मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप है।
अमेरिका ने पिछले सप्ताह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के क्षेत्रीय प्रमुख सहित चीन के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध और वीजा पाबंदियां लगाई थीं। ये पाबंदियां उगगुर तथा कजाक समेत मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में अन्य अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों को लक्षित करने वाले कथित मानवाधिकार हनन के लिए लगाई गई थीं।
पोम्पियो ने कहा, अमेरिका आज अपनी हुवावेई घोषणा करने वाला है। विदेश मंत्रालय हुवावेई समेत चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के उन कर्मचारियों पर वीजा पाबंदियां लगाने जा रहा है, जो चीन की सरकार को मानवाधिकार का उल्लंघन करने में मदद करते हैं।
उन्होंने कहा, आज की कार्रवाई से प्रभावित कंपनियों में हुवावेई तथा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की एक निगरानी इकाई भी शामिल हैं, जो राजनीतिक असंतुष्टों को सेंसर करता है और शिनजियांग में बड़े पैमाने पर नजरबंदी शिविरों को सक्षम बनाता है।
उन्होंने कहा, दुनियाभर की दूरसंचार कंपनियों को यह समझ लेना चाहिए कि यदि वे हुवावेई के साथ कारोबार कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि वे मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वालों के साथ व्यवसाय कर रहे हैं।अमेरिका की यह घोषणा हुवावेई को 5जी नेटवर्क के काम से बाहर करने की ब्रिटेन सरकार की घोषणा के एक दिन बाद सामने आई है।(भाषा)