क्या भारत के 'ऋषि' करेंगे ब्रिटेन पर राज? लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद बन सकते हैं PM
लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री बनने के 44 दिन बाद ही उन्होंने पद छोड़ दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद अब उन्हीं की पार्टी के सांसद ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो गई है। अगर ऐसा होता है तो यह पहली बार होगा जब कोई भारतवंशी ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा। स्काय न्यूज के मुताबिक पूर्व मंत्री मॉरडेन्ट भी रेस में शामिल हो सकती हैं। वैसे भी लिज के चुने जाने के पहले सांसदों ने जो मतदान किया था, उसमें सबसे ज्यादा वोट सुनक को ही मिले थे।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ट्रस सिर्फ 6 सप्ताह तक ब्रिटेन की प्रधानमंत्री रही। इस तरह से ब्रिटेन के इतिहास में प्रधानमंत्री के तौर पर सुश्री ट्रस का कार्यकाल सबसे छोटा रहा।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रस ने कहा कि उनका उत्तराधिकारी टोरी नेतृत्व प्रतियोगिता में चुना जाएगा, जिसे अगले सप्ताह पूरा किया जाएगा। दूसरी तरफ टोरी के सांसदों ने ट्रस से आग्रह किया था कि उनकी (ट्रस) अधिकांश आर्थिक नीतियों के कारण सरकार राजनीतिक संकट से घिरी हुई है।
ट्रस को सितंबर में टोरी के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के तौर पर चुना थी, लेकिन सिर्फ कुछ ही दिन में उन्हें नेता मानने से इनकार कर दिया।
सुश्री ट्रस ने डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर मीडिया से कहा कि मैं मानती हूं कि मौजूदा स्थिति मैं उस जनादेश को खो चुकी हूं, जिस पर मुझे कंजर्वेटिव पार्टी द्वारा चुना गया था। इसलिए मैंने महामहिम राजा से बात की और उन्हें सूचित किया कि मैं कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे रही हूं।
उन्होंने कहा कि वह तब तक प्रधानमंत्री पद पर बनी रहेंगी, जब तक कि कोई उत्तराधिकारी औपचारिक रूप से पार्टी के नेता के रूप में पदभार ग्रहण नहीं कर लेता और किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त नहीं किया जाता है।
प्रधानमंत्री के तौर पर ट्रस का कार्यकाल 44 दिन का रहा। इस तरह से वह ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक रहने वाली प्रधानमंत्री हैं। लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टारर ने ट्रस के इस्तीफे की घोषणा के बाद तत्काल आम चुनाव का आह्वान किया।
ट्रस ने अपने पद से इस्तीफा पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के पद छोड़ने और टोरी के सांसदों के विद्रोह के बाद दिया। एजेंसियां Edited by Sudhir Sharma