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  4. Statement of Pakistani Army Chief Asim Munir on Indus Water Treaty
Last Updated :इस्‍लामाबाद , शुक्रवार, 30 मई 2025 (22:39 IST)

सिंधु जल समझौते को लेकर फिर दी गीदड़भभकी, आसिम मुनीर ने कहा- झुकेगा नहीं पाकिस्तान

Pakistani Army Chief Asim Munir
India-Pakistan tension : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी पाकिस्तान सुधरने को तैयार नहीं है। सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने एक बार फिर गीदड़भभकी दी है। मुनीर ने कहा कि पाकिस्‍तान कभी झुकेगा नहीं, कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा वह सिंधु जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ जल सिंधु जल समझौता तोड़ दिया था। इसके बाद से पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ गई। 
 
खबरों के अनुसार, सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने एक बार फिर गीदड़भभकी दी है। मुनीर ने कहा कि पाकिस्‍तान कभी झुकेगा नहीं, कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा और वह सिंधु जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है।
मुनीर ने यह भी दावा किया कि बलूचिस्तान में आतंकवादियों को भारत का समर्थन प्राप्त है और प्रांत में अशांति फैलाने वाले आतंकवादियों का संबंध बलोच लोगों से है। मुनीर भारत को कई बार गीदड़भभकी दे चुके हैं। मुनीर ने भारत को लेकर एक और बड़ा झूठ बोला। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने भारत के 6 लड़ाकू विमानों, जिनमें 3 राफेल शामिल थे और दर्जनों ड्रोनों को मार गिराया
 
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ जल सिंधु जल समझौता तोड़ दिया था। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। समझौता तोड़ने के बाद से पाकिस्तान की बेचैनी और बढ़ गई। अगर भारत ने पानी को रोके रखा तो पाकिस्तान को भयंकर दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। उसके अधिकतर हिस्से में पानी की समस्या है। गर्मी में पाकिस्‍तान जल संकट से जूझ रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह छोड़ नहीं देता, न तो समझौता बहाल होगा और न ही कोई बातचीत होगी।
दूसरी ओर हांगकांग में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय समिट, जहां पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी अप्रत्यक्ष रूप से भारत को निशाने पर लेते हुए कहा, हमारे पूर्वी पड़ोसी की उकसावे वाली गतिविधियां न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों का भी खुला उल्लंघन हैं। सिंधु जल संधि को निलंबित कर और मानवाधिकारों की अनदेखी कर एक खतरनाक मिसाल पेश की जा रही है।
 
सिंधु जल संधि क्या है और कब हुई?
सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता है। यह संधि 19 सितंबर, 1960 को कराची में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में हस्ताक्षरित हुई थी।
 
इस संधि के तहत, सिंधु नदी बेसिन की छह नदियों- सिंधु, झेलम, चिनाब (पश्चिमी नदियां) और रावी, ब्यास, सतलुज (पूर्वी नदियां) के पानी का बंटवारा किया गया था। संधि के अनुसार, पूर्वी नदियों का लगभग पूरा पानी भारत को आवंटित किया गया, जबकि पश्चिमी नदियों का अधिकांश पानी पाकिस्तान को दिया गया। भारत को पश्चिमी नदियों पर कुछ सीमित उपयोग का अधिकार दिया गया।
Edited By : Chetan Gour
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