• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Russia stole America hypersonic missile technology

रूस ने की अमेरिका की हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक की चोरी! ट्रंप का पुतिन पर सनसनीखेज आरोप

Russia stole America hypersonic missile technology
वेस्ट पॉइंट, न्यूयॉर्क: अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सैन्य उद्घाटन भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेस्ट पॉइंट मिलिट्री अकादमी के कैडेटों को संबोधित करते हुए न केवल उनकी हौसला अफजाई की, बल्कि एक सनसनीखेज खुलासा कर पूरी दुनिया को चौंका दिया। ट्रंप ने रूस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि रूस ने अमेरिका की अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक चुरा ली है।

शनिवार को वेस्ट पॉइंट के ऐतिहासिक परिसर में आयोजित इस समारोह में ट्रंप ने नये सैन्य अधिकारियों को बधाई दी और उनकी देशभक्ति की सराहना की। लेकिन उनका भाषण उस समय चर्चा का केंद्र बन गया जब उन्होंने रूस के खिलाफ यह विस्फोटक बयान दिया। ट्रंप ने कहा, "हमारी सेना दुनिया में सबसे शक्तिशाली है, लेकिन रूस ने हमारी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक को चुराकर हमारी सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे!"

हाइपरसोनिक मिसाइल क्या है?
हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना तेज गति से हमला करने में सक्षम हैं और इन्हें रोकना लगभग असंभव माना जाता है। अमेरिका, रूस और चीन के अलावा भारत भी इस तकनीक को विकसित करने की होड़ में हैं। ट्रंप के इस आरोप ने वैश्विक सैन्य समीकरणों को और जटिल कर दिया है।

रूस ने दिया जवाब : रूस ने ट्रंप के इन आरोपों को "निराधार" और "अमेरिकी राजनीति का ड्रामा" करार दिया है। क्रेमलिन के एक प्रवक्ता ने कहा, "रूस की अपनी तकनीक विश्वस्तरीय है, हमें किसी की नकल करने की जरूरत नहीं।"

विशेषज्ञों की राय : सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। नई दिल्ली के रक्षा विशेषज्ञ प्रो. राकेश शर्मा ने कहा, "यह आरोप न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी गंभीर परिणाम ला सकता है। भारत को भी इस घटनाक्रम पर नजर रखनी चाहिए।"

कैडेटों को ट्रंप का संदेश : अपने भाषण में ट्रंप ने वेस्ट पॉइंट के कैडेटों से कहा, "आप अमेरिका के भविष्य हैं। आपकी बहादुरी और बुद्धिमत्ता हमें हर चुनौती से पार पाने में मदद करेगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करेगा ताकि कोई भी देश उसकी तकनीक या सुरक्षा को चुनौती न दे सके।

ट्रंप के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मच गई है। यूरोपीय देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि चीन ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। ट्रंप प्रशासन ने इस मामले में जांच की घोषणा की है और रूस के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों की बात भी सामने आ रही है। यह घटनाक्रम वैश्विक शक्ति संतुलन को कैसे प्रभावित करेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
Edited By: Navin Rangiyal
ये भी पढ़ें
चीन की शह पर पाकिस्तान का परमाणु खेल क्यों बन रहा भारत के लिए खतरा?