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Last Modified: शुक्रवार, 20 जून 2025 (17:50 IST)

चौकड़ी भूल जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, ईरान के समर्थन में आए रूस और चीन

Israel Iran war
Russia and China warning to America: इजराइल और ईरान के बीच जारी जंग को एक सप्ताह हो चुका है। इस बीच, अमेरिकी के पुराने दुश्मन रूस और चीन खुलकर ईरान के समर्थन में आ गए हैं। दोनों ने अमेरिका को नसीहत दी है कि यदि वह इजराइल के समर्थन में और ईरान के खिलाफ जंग में कूदता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। दोनों ही देशों ने इजराइल को युद्धविराम की भी सलाह दी है। रूस और चीन द्वारा ईरान का समर्थन किए जाने के बाद अमेरिका की स्थिति 'धर्मसंकट' वाली हो गई है। 
 
दरअसल, ईरान-इजराइल युद्ध के बीच रूस और चीन राष्ट्रपतियों- व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग ने बृहस्पतिवार को करीब एक घंटे फोन पर बातचीत की। इसके बाद दोनों ही देशों ने इजराइल को युद्धविराम की नसीहत दे डाली। रूस ने ईरान के सवोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या का विरोध किया है। उसने कहा कि यह किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। ALSO READ: ईरान को तबाह करने में अमेरिका क्यों कर रहा इजराइल की मदद? क्या फायदा हो रहा अमेरिका को?
 
क्या कहा रूस ने : कहा क्रेम‍लिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि खामेनेई की हत्या की बात करना सभी के लिए अस्वीकार्य होना चाहिए। खामेनेई की हत्या से जुड़े सवाल पर पेसकोव ने कहा कि जो लोग इस बारे में बोल रहे हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि इससे ईरान में चरमपंथी भावनाएं पैदा होंगी। हालांकि इस बीच, ट्रंप ने ईरान पर अमेरिकी हमले को 2 सप्ताह के लिए टाल दिया है। लेकिन, रूस और चीन की चेतावनी के बाद इस मामले में नया पेंच फंस गया है। 
 
संघर्ष रोकने के लिए नए कूटनीतिक प्रयास शुरू : इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष शुरू होने के एक सप्ताह बाद शुक्रवार को भी दोनों देशों के एक-दूसरे पर हमले जारी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक ओर युद्ध में सैन्य भागीदारी पर विचार कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर संघर्ष रोकने के लिए नए कूटनीतिक प्रयास शुरू होते दिख रहे हैं। ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र पर हमला किया जाए जो एक पहाड़ के नीचे स्थित है और इसे व्यापक रूप से पहुंच से बाहर बताया जाता है, लेकिन अमेरिका के ‘बंकर बस्टर’ बम उसे नष्ट कर सकते हैं। ALSO READ: ईरान की 'डांसिंग मिसाइल' ने मचाई तबाही, इजरायल का आयरन डोम बेबस!
 
क्या कहा ट्रंप ने : ट्रंप ने कहा कि वह अगले दो सप्ताह के भीतर यह निर्णय लेंगे कि ईरान पर हमला करना है या नहीं। उन्हें अब भी इस बात की पर्याप्त संभावना दिखती है कि वार्ता के माध्यम से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका और इजराइल की मांगें पूरी हो सकती हैं। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के अपने समकक्षों तथा यूरोपीय संघ के शीर्ष राजनयिक के साथ बैठक के लिए जिनेवा जा रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने व्हाइट हाउस में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात की और ऐसे समझौते की संभावना पर चर्चा की जिससे संघर्ष कम हो सकता है।
 
क्या कहा इजराइल ने : इजराइल ने कहा कि उसने शुक्रवार सुबह ईरान में हवाई हमले किए, जिसमें 60 से अधिक विमानों ने मिसाइलों के निर्माण से जुड़े औद्योगिक स्थलों को निशाना बनाया। इजराइल ने यह भी कहा कि उसने ईरान के रक्षा नवाचार और अनुसंधान संगठन के मुख्यालय को निशाना बनाया, जिसे फारसी में संक्षिप्त नाम एसपीएनडी के नाम से जाना जाता है। विगत में अमेरिका ने इस एजेंसी को परमाणु विस्फोटक उपकरणों के विकास से जुड़ा बताया था। ईरानी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार की सुबह इजराइली हवाई हमले कैस्पियन सागर के रश्त शहर तक पहुंच गए।
 
ईरान में 650 से ज्यादा लोगों की मौत : इजराइल में पराचिकित्सा सेवा मैगन डेविड एडोम ने कहा कि ईरान ने मिसाइलों से दक्षिणी इजराइल के एक आवासीय क्षेत्र पर हमला किया, जिससे इमारतों को नुकसान पहुंचा है। उसने बताया कि उन्होंने पांच लोगों को उपचार मुहैया कराया है जिन्हें मामूली चोटें आयी हैं। इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ था जब इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य स्थलों, शीर्ष जनरल और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए थे। वॉ‍शिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह के अनुसार, इन हमलों में ईरान में कम से कम 657 लोगों की मौत हो गई है और 2000 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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