ईरान को तबाह करने में अमेरिका क्यों कर रहा इजराइल की मदद? क्या फायदा हो रहा अमेरिका को?
Relations between Iran and the United States: मध्य पूर्व की राजनीति हमेशा से जटिल और उलझी हुई रही है, और इस जटिलता के केंद्र में ईरान और इजराइल के बीच तनावपूर्ण संबंध अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। जब भी इजराइल ईरान पर कोई कार्रवाई करता है, अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठते हैं। हाल के समय में भी इजराइल ईरान के तनाव के बीच ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर ईरान को तबाह करने में अमेरिका इजराइल की मदद क्यों कर रहा? आइए इस जटिल समीकरण को समझने की कोशिश करते हैं।
इजराइल को अमेरिकी मदद के कई कारण हैं:
यह सिर्फ ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे ऐतिहासिक, रणनीतिक और राजनीतिक कारक भी काम करते हैं। इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर ऐसे वक्त पर हमले किए हैं, जब अमेरिका ईरान से परमाणु कार्यक्रम रद्द करने के लिए बार-बार कह रहा था। यहां तक कि उसने ईरान को चेतावनी भी दी थी कि परमाणु कार्यक्रम रद्द न करने पर अंजाम भुगतना पड़ सकता है।
अमेरिका-इजराइल संबंध: एक रणनीतिक गठजोड़
अमेरिका और इजराइल के बीच दशकों पुराना एक मजबूत रणनीतिक गठजोड़ है। इजराइल, मध्य पूर्व में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी है, जो क्षेत्र में अमेरिकी हितों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। अमेरिका इजराइल को व्यापक सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान करता रहा है, जिसे इजराइल अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक मानता है। इस मदद का एक बड़ा हिस्सा इजराइल की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करना है, ताकि वह अपने क्षेत्रीय विरोधियों से निपट सके।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभाव: चिंता का विषय
ईरान का परमाणु कार्यक्रम और मध्य पूर्व में उसका बढ़ता क्षेत्रीय प्रभाव अमेरिका और इजराइल दोनों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। इजराइल ईरान को अपनी सुरक्षा के लिए एक अस्तित्वगत खतरा मानता है, खासकर उसके परमाणु हथियार विकसित करने की आशंका को देखते हुए। वहीं, अमेरिका भी ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने और क्षेत्र में उसके अस्थिर करने वाले प्रभाव को नियंत्रित करने का इच्छुक है।
अमेरिका की नीतियों का उद्देश्य ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं को इस हद तक सीमित करना है कि वह इजराइल या क्षेत्र के अन्य अमेरिकी सहयोगियों के लिए खतरा न बन सके।
अमेरिका को क्या फायदा हो रहा है:
अमेरिका को इस स्थिति से कई रणनीतिक फायदे होते हैं:
1. क्षेत्रीय स्थिरता और तेल आपूर्ति: मध्य पूर्व वैश्विक तेल आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने या क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ने से तेल की कीमतें अस्थिर हो सकती हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक होगा। अमेरिका ईरान को नियंत्रित करके इस स्थिरता को बनाए रखना चाहता है।
2. इजराइल की सुरक्षा: इजराइल की सुरक्षा अमेरिका के लिए एक प्राथमिकता है। एक सुरक्षित इजराइल क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को बनाए रखने में मदद करता है।
3. आतंकवाद विरोधी प्रयास: अमेरिका और इजराइल दोनों ही कुछ चरमपंथी समूहों को ईरान द्वारा समर्थित मानते हैं। ईरान के प्रभाव को कम करके, वे आतंकवाद विरोधी प्रयासों को मजबूत करने की उम्मीद करते हैं।
4. भू-राजनीतिक दबदबा: मध्य पूर्व में अपना प्रभाव बनाए रखना अमेरिका के वैश्विक भू-राजनीतिक दबदबे के लिए महत्वपूर्ण है। ईरान को सीमित करके, अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करता है।
संक्षेप में, अमेरिका इजराइल की मदद इसलिए करता है क्योंकि यह उसके अपने रणनीतिक हितों को साधता है। इजराइल मध्य पूर्व में अमेरिका का एक विश्वसनीय सहयोगी है, जो क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाए रखने, ईरान जैसे विरोधी देशों पर दबाव बनाने और अमेरिकी सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने में मदद करता है।