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Last Modified: कजान , बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 (16:40 IST)

BRICS से रूस समेत पूरी दुनिया को PM मोदी का बुद्ध वाला संदेश, बोले- युद्ध नहीं बातचीत से हो समाधान

BRICS से रूस समेत पूरी दुनिया को PM मोदी का बुद्ध वाला संदेश, बोले- युद्ध नहीं बातचीत से हो समाधान - PM Narendra Modi at BRICS Summit  India supports dialogue and diplomacy, not war
PM Narendra Modi at BRICS Summit  : रूस के कजान शहर में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन, भारत, यूएई जैसे कई बड़े देशों ने हिस्सा लिया है। सम्मेलन में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों पर चिंता जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है।

उन्होंने कहा कि खाद्य, ऊर्जा, स्वास्थ्य और जल क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण सभी देशों के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दे हैं। हम युद्ध का नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं। जिस तरह हमने मिलकर कोविड को हराया, उसी तरह हम सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर सृजित करने में पूरी तरह सक्षम हैं। 
हम सभी को आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के लिए दृढ़ता और सर्वसम्मति से सहयोग करना होगा। आतंकवाद की चुनौती पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अपने देशों के युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। हमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सम्मेलन के लंबित मुद्दे पर मिलकर काम करना होगा। 
 
हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित और संरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमन के वास्ते काम करना चाहिए। ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है जो समय के अनुसार खुद को बदलने की इच्छाशक्ति रखता है। हमें पूरी दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश करना चाहिए और वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए सर्वसम्मति से अपनी आवाज उठानी चाहिए। हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। 
विभिन्न विचारों और विचारधाराओं के समागम से बना ब्रिक्स आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है। ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स एक विभाजनकारी समूह नहीं, बल्कि एक जनहित समूह है। मेरा मानना ​​है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। 
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