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Last Modified: इस्लामाबाद , रविवार, 26 नवंबर 2017 (23:10 IST)

पाक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 6 की मौत, 200 घायल

पाक पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 6 की मौत, 200 घायल - Pakistan police protesters
इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने पुलिस और कट्टरपंथी धार्मिक गुटों के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में छ: लोगों के मारे जाने और 200 से अधिक के घायल होने के बाद कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना से मदद मांगी है।
 
पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग की घेराबंदी कर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों ने कल अभियान शुरू किया जिसके बाद झड़पों में 200 से अधिक लोग घायल हो गए।
 
तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड की घेराबंदी कर रखी थी। यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है।
 
पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां दागी। लेकिन झड़पों के हिंसक हो जाने के बाद सुरक्षा बल पीछे हट गए। डान की खबर के मुताबिक इस्लामाबाद में कल संघर्ष में कम से कम छह लोगों की मौत हो गयी। इसमें कहा गया कि इस झड़प में किसी सुरक्षाकर्मी की मौत नहीं हुई लेकिन रावलपिंडी शहर के पुलिस प्रमुख इसरार अब्बासी समेत कम से कम नौ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस दौरान जख्मी हो गए। 
 
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिनमें कम से कम 95 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इन सभी घायलों को इस्लामाबाद और रावलपिंडी के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। देश में सुरक्षा की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नवीद मुख्तियार, गृहमंत्री अहसन इकबाल और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ शामिल हुए।
 
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बैठक में यह फैसला हुआ कि इस प्रदर्शन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के लिए एक और प्रयास किया जाए। समस्या के सर्वमान्य हल के लिए धार्मिक नेताओं के साथ बातचीत का भी फैसला इस दौरान किया गया। बैठक में यह भी तय हुआ कि सेना इस्लामाबाद में संवेदनशील इमारतों और विभागों की सुरक्षा करेगी।
 
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद की घेराबंदी करने वाले धार्मिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हालिया प्रदर्शन के बाद यह फैसला लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रमुख सड़कों के अवरूद्ध होने की वजह से कई अहम शहरों में तनाव है। कुछ जगहों पर बाजार भी बंद रहे।
 
गृह मंत्रालय ने राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने के लिए सेना की तैनाती ओ अधिकृत करने के लिए बीती रात एक वैधानिक नियामक आदेश जारी किया था। जनरल बाजवा संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर थे और उन्होंने अपना दौरा बीच में ही रद्द कर वापस पाक का रुख कर लिया।
 
इस बीच सरकार ने समाचार और टीवी चैनलों पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। हिंसा और प्रदर्शन का सीधा प्रसारण करने की वजह से कल इन्हें ऑफ एयर कर दिया गया था। अधिकारियों ने कहा कि अब्बासी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
 
प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा था। प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया लेकिन कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने मंत्री को हटाए जाने तक हटने से इनकार कर दिया था। (भाषा)