पाकिस्तान में सेना के निशाने पर लोकतंत्र, धार्मिक कट्टरपंथ का इस्तेमाल...
वॉशिंगटन। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के नेता अल्ताफ हुसैन का कहना है कि पाकिस्तान की सेना देश में लोकतांत्रिक शासन को खत्म करने के लिए धार्मिक कट्टरपंथ का इस्तेमाल कर रही है।
लंदन में रहने वाले हुसैन ने अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भेजे पत्र में तुरंत कार्रवाई और पाकिस्तानी सेना को सियासत में दखलअंदाजी बंद करने के लिए साफ संदेश देने की मांग की है।
हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ ही साथ दुनिया में शांति बहाल करने का सिर्फ यही एक रास्ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना खासतौर पर खुफिया एजेंसी आईएसआई पाकिस्तान में से एक बार फिर से लोकतांत्रिक शासन को खत्म करने के लिए मजहबी कट्टरपंथ का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि राजधानी इस्लामाबाद को एक बार फिर से धार्मिक कट्टरपंथियों ने बंधक बना लिया है। ऐसा लगता है कि उन्हें पाकिस्तानी सेना से पूरी छूट मिली हुई है। इस्लामाबाद को जोड़ने वाले प्रमुख राजमार्ग को अवरुद्ध करने वाले कट्टरपंथी धार्मिक समूहों पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की कार्रवाई के बाद राजधानी में संघर्ष भड़क गया था। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने सेना बुलाई। इस संघर्ष में 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं।
उन्होंने दावा किया कि सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को इन तथाकथित प्रदर्शनों की कवरेज करने से रोक दिया है। देश में अव्यवस्था फैली दिखती है, जो सेना के लिए सत्ता हथियाने और एक बार फिर से लोकतंत्र को पटरी से उतारे के लिए रास्ता तैयार करता है। (भाषा)