एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान, आतंकवाद पर लगाम कसने में रहा नाकाम
वाशिंगटन। आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों में अब भी बहुत सी खामियां हैं जिन्हें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स लगातार उठाता रहा है। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन खामियों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिह्नित आंतकवादी समूहों के लिए निधि जुटाने या उन्हें पैसा भेजे जाने पर रोक न लगा पाना भी शामिल है।
दो दिन पहले वैश्विक वित्तीय प्रहरी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण को रोकने में असफल होने के कारण ग्रे लिस्ट में डाल दिया था जिसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारी की यह टिप्पणी सामने आई है।
पाकिस्तान द्वारा 26 बिंदुओं वाली कार्य योजना सौंपने और एफएटीएफ के इस फैसले को पलटने के लिए ठोस कूटनीतिक प्रयास शुरू करने के बावजूद यह घोषणा की गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, 'आतंकवादियों को आर्थिक मदद (सीएफटी) रोक पाने में पाकिस्तान के प्रयासों में अब भी कमियां हैं जिन्हें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा लगातार उठाया जा रहा है।'
एफएटीएफ द्वारा पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाले जाने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा, 'पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिह्नित आंतकवादी समूहों को धन पहुंचाना या धन जुटाने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही सीएफटी पर कई व्यापक कदम उठाने होंगे।'
हालांकि प्रवक्ता ने पाकिस्तान के उस आश्वासन का स्वागत किया है जिसमें उसने इस क्षेत्र में कदम उठाने को कहा है।
अधिकारी ने कहा, 'हमें खुशी है कि पारिस्तान ने अपने सीएफटी क्षेत्र की कमियों को दूर करने के लिए एफएटीएफ के साथ काम करने के लिए उच्च स्तरीय राजनीतिक प्रतिबद्धता जाहिर की है।' (भाषा)