VIDEO : इसराइली प्रधानमंत्री ने PM मोदी को दिया अपनी पार्टी में शामिल होने का न्योता, ऑफर पर लगे ठहाके
ग्लासगो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके इसराइली समकक्ष नफ्ताली बेनेट के बीच मंगलवार को यहां उनकी पहली औपचारिक बैठक के दौरान तब एक हल्का-फुल्का पल आया, जब बेनेट ने मोदी से कहा कि वे इसराइल में बहुत लोकप्रिय हैं और वे उनकी पार्टी में शामिल हो जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लासगो में सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन से इतर इसराइल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और उच्च-प्रौद्योगिकी तथा नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान किया। जलवायु सम्मेलन के दौरान सोमवार को संक्षिप्त बातचीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बेनेट की पहली औपचारिक मुलाकात हुई।
शेयर किए गए एक वीडियो के मुताबिक बेनेट ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आप इसराइल के सबसे लोकप्रिय व्यक्ति हैं। इस टिप्पणी का जवाब देते हुए मोदी ने कहा- 'धन्यवाद, धन्यवाद।' बेनेट ने इसके बाद मोदी को अपनी यामिना पार्टी में शामिल होने के लिए कहा। दोनों नेताओं ने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया। इस दौरान बेनेट ने कहा कि आइए और मेरी पार्टी में शामिल हो जाइए।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बेनेट के साथ हुई मुलाकात को याद करते हुए कहा कि भारत के लोग इसराइल के साथ मित्रता को काफी महत्व देते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया कि इसराइल के साथ मित्रता को और प्रगाढ़ करते हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नफ्ताली बेनेट की ग्लासगो में सार्थक बैठक हुई। दोनों नेताओं ने हमारे नागरिकों के फायदे के लिए सहयोग के विभिन्न उपायों को मजबूत करने पर चर्चा की।
मोदी और बेनेट के बीच यह मुलाकात विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले महीने इसराइल दौरे के दौरान मोदी की ओर से इसराइल के प्रधानमंत्री को भारत आने का निमंत्रण देने के बाद हुई है। इसराइल मीडिया की खबरों के मुताबिक इस साल जून में प्रधानमंत्री बने बेनेट के अगले साल भारत की यात्रा करने की संभावना है। जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री मोदी की इसराइल की ऐतिहासिक यात्रा ने भारत और इसराइल के द्विपक्षीय संबंधों को एक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था। तब से दोनों देशों के बीच संबंध ज्ञान-आधारित साझेदारी के विस्तार पर केंद्रित हैं जिसमें 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने सहित नवाचार और अनुसंधान में सहयोग शामिल है।