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Last Updated : सोमवार, 1 नवंबर 2021 (23:06 IST)

ग्लास्गो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का LIFE मंत्र और 'पंचामृत' भी

ग्लास्गो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का LIFE मंत्र और 'पंचामृत' भी - Narendra Modi's speech at Glasgow World Leaders Summit of COP-26
ग्लस्गो। ग्लासगो में 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पेरिस घोषणापत्र की प्रतिबद्धताओं को 'अक्षरश:’ पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।
 
मोदी ने कहा कि अब तक जलवायु वित्त पोषण के सभी वादे खाली ही रहे हैं, इसलिए विकसित देशों को यथा शीघ्र एक खरब डॉलर के जलवायु वित्त पोषण सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ को वैश्विक मिशन बनाने का आह्वान किया।
 
मोदी का लाइफ मंत्र : इस अवसर पर मोदी ने कहा कि मैं आपके समक्ष एक One-Word Movement का प्रस्ताव रखता हूं। यह एक शब्द, क्लाइमेट के संदर्भ में एक विश्व का मूल आधार बन सकता है। अधिष्ठान बन सकता है। यह एक शब्द है- LIFE...एल.आई.एफ.ई. यानी Lifestyle For Environment है।
 
मंत्र के साथ पंचामृत भी : सम्मेलन में मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर इस वैश्विक मंथन के बीच, मैं भारत की ओर से इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व यानी 'पंचामृत' रखना चाहता हूं। पहला- भारत 2030 तक अपनी नॉन फोसिल इनर्जी कैपेसिटी को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा, दूसरा- 2030 तक भारत अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों और नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी करेगा।

तीसरा- 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में भारत एक बिलियन टन की कमी करेगा। चौथा- भारत 2030 तक अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेंसिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा और पांचवा- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा।
 
उन्होंने कहा कि भारत में नल से जल, क्लीन इंडिया मिशन और उज्जवला योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया, जिसका उन्हें फायदा भी मिला है। उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। ऐसे में दुनिया के देशों को भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।