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Last Modified: शनिवार, 27 मई 2017 (07:55 IST)

श्रीलंका में बाढ़, भूस्खलन में 90 से ज्यादा की मौत, मोदी ने भेजा राहत दल

श्रीलंका में बाढ़, भूस्खलन में 90 से ज्यादा की मौत, मोदी ने भेजा राहत दल - More than 90 dead in floods, landslides in Sri Lanka
file photo
कोलंबो। श्रीलंका में जबरदस्त बारिश के चलते आई भारी बाढ़ और भूस्खलन से 90 से अधिक लोगों की मौतें होगई है जबकि 110 लोग लापता हैं। सात जिलों में 20,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत बाढ़ एवं भूस्खलनों के कारण भारी तबाही झेल रहे श्रीलंका के साथ खड़ा है और राहत सामग्री के साथ जलपोतों को वहां भेजा जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने बारिश के कारण श्रीलंका में आई बाढ़ एवं भूस्खलनों में 90 लोगों की मौत होने पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने ट्वीट में कहा, 'हम इस मुश्किल घड़ी में हमारे श्रीलंकाई भाइयों एवं बहनों के साथ खड़े हैं।' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'कोलंबो में पहला पोत आज सुबह पहुंचेगा। दूसरा पोत रविवार को पहुंचेगा। इसके अलावा और भी सहायता भेजी जा रही है।'
 
खबरों के मुताबिक गाले सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां 7,157 लोग इससे प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन केंद्र (डीएसी) के उप मंत्री दुनेश गनकानदा ने कहा, 'हमने 1970 के दशक के बाद से सबसे जबरदस्त बारिश देखी है।' गनकानदा ने कहा, 'हम कुछ इलाकों में राहत कार्य कर रहे हैं जबकि हम प्रभावित इलाकों में कुछ मकानों तक नहीं पहुंच सकते।' डीएमसी ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ कर 91 हो गई है और अन्य 110 लापता हैं। दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने तबाही मचा दी है, सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं और कई सड़कें टूट गई हैं।
 
गनकानदा ने बताया कि सरकार ने राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सतर्क कर दिया है। उप मंत्री करूणारत्ने परनाविताना ने कहा कि विदेश मंत्रालय हालात की निगरानी कर रहा है और जरूरत के मुताबिक सहायता मांगेगा। श्रीलंकाई वायु सेना और नौसेना बाढ़ में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टरों और नौकाओं के जरिए राहत मुहैया करने के लिए काम कर रही है।
 
राहत अधिकारियों ने कहा कि मॉनसून की उम्मीद तो थी लेकिन जितनी बारिश दर्ज की गई उसकी उम्मीद नहीं थी। कुछ इलाकों में 600 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, वहीं बुरी तरह से प्रभावित अन्य इलाकों में 300 से 500 मिमी बारिश दर्ज की गई।
 
मौसम विभाग प्रमुख आरएस जयशेखर ने बताया कि मॉनसून का चरम पार हो गया लेकिन अगले कुछ दिनों में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है। यह 30 मई को फिर से तेज होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि कलुतारा में भूस्खलन से और रत्नापुरा जिले में बाढ़ से ज्यादातर लोग मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम ने सात जिलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। 
 
आपदा प्रबंधन केंद्र के मुताबिक श्रीलंका के कई हिस्सों में गुरुवार (25 मई) से हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से पश्चिमी और दक्षिणी प्रांत के सबारागामुवा में 2,811 परिवारों के कुल 7,856 लोग प्रभावित हुये। कालूतारा जिला सचिवालय के फील्ड अफसर ने कहा कि सिर्फ इसी जिले से 38 लोगों की मौत की खबर है।
 
केंद्र ने लोगों से बढ़ते जलस्तर को लेकर सतर्क रहने को कहा है और अस्थिर ढलान वाली जगहों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा है। नकदी फसलों के लिए श्रीलंका में वनों की बड़े पैमाने पर कटाई हुई है। इसलिए, देश में मॉनसून के दौरान अक्सर भूस्खलन होता है। पिछले साल देश में एक भीषण भूस्खलन में 100 से अधिक लोग मारे गए थे। (एजेंसी)
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