लंदन, महज 25 साल की उम्र में महारानी का ताज पहनने वाली एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बाल्मोरल एस्टेट में अपने स्कॉटिश महल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं में से एक माना गया और आपको जानकर हैरानी होगी कि क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय दुनिया की इकलौती ऐसी महिला थीं, जिन्हें दुनिया में कहीं भी यात्रा करने के लिए पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं पड़ती थी।
महारानी की दौलत की बात करें तो एलिजाबेथ भारत के कोहिनूर हीरे के साथ ही अकूत धन की मालकीन थीं। आइए जानते हैं, आखिर कितनी दौलत वो अपने पीछे छोड़ गई महारानी एजिजाबेथ।
कितनी संपत्ति छोड़ गई महारानी एलिजाबेथ?
वैसे तो एलिजाबेथ ।। की संपत्ति को लेकर कई दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन फॉर्च्यून की रिपोर्ट बताती है कि क्वीन एलिजाबेथ ।। अपने पीछे 500 मिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़ गई हैं, जो अब उनके बेटे प्रिंस चार्ल्स के किंग बनने पर उनके पास चली जाएगी। हालांकि, एलिजाबेथ ।। की संपत्ति पर सिर्फ अकेले उनका ही अधिकार नहीं है, बल्कि इस संपत्ति पर रॉयल फर्म का भी हक होगा। उनकी संपत्ति को लेकर जो जानकारी सार्वजनिक है, उसके मुताबिक, रॉयल फैमिली की संपत्ति 28 अरब डॉलर की बताई जा रही है। यह जानकारी किंग जॉर्ज VI और प्रिंस फिलिप जैसे ब्रिटिश शाही परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक की थी।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की रॉयल फैमिली के सबसे बड़े पद पर बैठने वाले राजा या रानी के नाम कुल 28 बिलियन डॉलर, यानी 2.23 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है।
क्वीन एलिजाबेथ की निजी संपत्ति
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रानी एलिजाबेथ 4 हजार करोड़ रुपए की निजी संपत्ति की मालकिन थीं। इनमें उनका निवेश, आर्ट, कीमती पत्थर और रियल एस्टेट शामिल हैं। सैंडरिंघम हाउस और बाल्मोरल किला भी रानी की निजी संपत्ति है।
4500 करोड़ रुपए का ताज, जिसमें जड़ा है भारत का कोहिनूर
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के ग्लैमरस और लग्जरी लाइफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस बकिंघम में वह 70 साल रहीं, उसमें 775 कमरे और 78 बाथरूम हैं। क्वीन के ताज को 2900 दुर्लभ और कीमती पत्थरों से सजाया गया था। इस ताज की कीमत करीब 4500 करोड़ रुपए है। इस ताज में भारत का कोहिनूर हीरा भी जड़ा है।
31 हजार करोड़ के पत्थर, 200 से ज्यादा हैंडबैग
ताज के साथ अगर रानी के पास मौजूद दूसरे कीमती पत्थरों की कीमत जोड़ें तो वह करीब 31 हजार करोड़ रुपए हैं। रानी के पास अलग-अलग रंग के 200 से ज्यादा हैंडबैग थे, जिसे अक्सर अपने साथ लेकर वह बाहर निकलती थीं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को लैंड रोवर कार बेहद पसंद थी, जिसका नाम डिफेंडर था।
70 मिलियन डॉलर विरासत में मिले
महारानी को लगभग 70 मिलियन डॉलर विरासत में मिले थे, जिसमें चित्रों में निवेश, एक स्टाम्प संग्रह, फाइन चाइना, गहने, घोड़े और एक मूल्यवान फैबरेज एग कलेक्शन भी शामिल था। हालांकि प्रिंस चार्ल्स को अभी भी सीधे तौर पर 28 अरब डॉलर का साम्राज्य विरासत में नहीं मिला है। इसमें स्कॉटलैंड की संपत्ति, क्राउन एस्टेट, द डची ऑफ लैंकेस्टर, द डची ऑफ कॉर्नवाल और बकिंघम और केंसिंग्टन पैलेस शामिल हैं।
दूसरे देशों से जो सम्मान में मिला
इसके अलावा महारानी के रॉयल कलेक्शन में, जिसे उन्हें अलग- अलग देशों से सम्मान के तौर पर प्राप्त हुआ है, जिसमें ज्लैलरी, कला संग्रह, हीरे-जवाहरात वगैरह शामिल हैं, उसकी कीमत करीब 10 अरब डॉलर के आसपास बताई जाती है।
द रॉयल फर्म : 22 खरब रुपए का साम्राज्य
द रॉयल फर्म को The Monarchy PLC के रूप में भी जाना जाता है। यह हाउस ऑफ विंडसर के वरिष्ठ सदस्यों और कुछ अन्य लोगों का एक समूह है। इस रॉयल फैमिली की प्रमुख क्वीन थीं। क्वीन समेत 7 दूसरे लोग रॉयल्स फर्म के सदस्य हैं। इनमें प्रिंस चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला, डचेस ऑफ कॉर्नवाल, प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट, डचेस ऑफ कैम्ब्रिज, क्वीन की बेटी राजकुमारी ऐनी, रानी के सबसे छोटे बेटे प्रिंस एडवर्ड और उनकी पत्नी सोफी शामिल हैं। फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस रॉयल फर्म के पास साल 2021 तक लगभग 22 खरब रुपए की अचल संपत्ति थी, जिसे बेचा नहीं जा सकता।
क्या– क्या शामिल है इस संपत्ति में?
द क्राउन एस्टेट: 19.5 अरब डॉलर
बकिंघम पैलेस: 4.9 अरब डॉलर
द डची ऑफ कॉर्नवाल: 1.3 अरब डॉलर
द डची ऑफ लैंकेस्टर: 74.80 करोड़ डॉलर
केंसिंग्टन पैलेस: 63 करोड़ डॉलर
स्कॉटलैंड का क्राउन एस्टेट: 59.20 करोड़ डॉलर
लेकिन शाही परिवार को फर्म के कारोबार से व्यक्तिगत रूप से लाभ नहीं होता है। इस फर्म का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।