• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Khushi Pandya
Written By
Last Updated : रविवार, 5 अगस्त 2018 (11:38 IST)

बेटे की मौत के बाद भारतीय मूल के अभिभावक ने शोध के लिए धन एकत्र करने की मुहिम शुरू की

बेटे की मौत के बाद भारतीय मूल के अभिभावक ने शोध के लिए धन एकत्र करने की मुहिम शुरू की - Khushi Pandya
लंदन। लंदन में पिछले साल एक दुर्लभ ब्रेन ट्यूमर के कारण दम तोड़ने वाले 14 वर्षीय भारतीय मूल के एक लड़के के माता-पिता ने इस बीमारी पर शोध के लिए धन एकत्र करने के वास्ते एक मुहिम शुरू की है।
 
 
खुशील पांड्या एक प्राणीविद् बनना चाहता था। खुशील के माता-पिता मार्च 2015 के उसके भेंगेपन की जांच कराने के लिए आंख के एक अस्पताल गए थे, जहां उसके डिफ्यूज इंट्रिन्सिक पोंटिन ग्लियोमा (डीआईपीजी) से पीड़ित होने का पता चला।
 
खुशील की मां नम्रता पांड्या ने बताया कि यह हमारे जीवन का सबसे बड़ा झटका था। हमें नहीं मालूम था कि आंख का भेंगापन इतना घातक हो सकता है। नम्रता और उनके पति भावेश ने डीपीआईजी पर शोध और इस क्षेत्र में इलाज और दवा की कमी की भरपाई करने के लिए खुशील पांड्या कोष बनाया है, जो ब्रिटेन के ब्रेन ट्यूमर चैरिटी के वास्ते धन एकत्र करेगा।
 
खुशील के माता-पिता ने ऑनलाइन कोष एकत्र करने वाले पेज पर कहा कि खुशील के बिना जीवन आसान नहीं है, इस क्षति की कभी भरपाई नहीं हो सकती लेकिन हम धन जुटाने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करना चाहते हैं ताकि दुनिया के किसी भी माता-पिता को इस दर्द और पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े।
 
खुशील का उपचार केवल रेडियोथैरेपी ही था, क्योंकि ट्यूमर की सर्जरी नहीं हो सकती थी। आमतौर पर बीमारी का पता लगने के बाद मरीज की जिंदगी 6 से 9 माह की होती है लेकिन खुशील करीब ढाई साल जीवित रहा। (भाषा)
ये भी पढ़ें
क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी?