पीएम ‘मोदी को भाई’ कहने वाली आखिर कौन थीं ‘करीमा बलूच’ जिसकी कनाडा में हो गई संदिग्ध मौत!
पाकिस्तान के अत्याचारों के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने वालीं बलूच लीडर करीमा बलूच की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। कनाड़ा में वे मृत अवस्था में पाई गईं। बताया जा रहा है कि वह रविवार से लापता थीं, अब पुलिस ने उनका शव बरामद कर लिया है।
हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो सका है कि करीमा की हत्या हुई है या वो किसी हादसे की शिकार हुईं हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिस तरह से वे पाकिस्तान की करतूतों के खिलाफ थीं, उनकी हत्या की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर कौन थीं करीमा बलूच और क्यों थीं चर्चा में।
कनाडाई शरणार्थी रहीं करीमा बलूच को साल 2016 में दुनिया की 100 सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया गया था। 2016 में ही रक्षाबंधन पर बलूच स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष करीमा बलोच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई बताते हुए एक भावुक वीडियो संदेश जारी किया था। जो काफी वायरल हुआ था।
करीमा बलूच की सबसे प्रसिद्ध हस्तियों में से एक थीं। उन्होंने स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र के सत्र में बलूचिस्तान का मुद्दा उठया था। मई 2019 में एक साक्षात्कार में उन्होंने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा था कि वो बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधन छीनकर वहां के लोगों को प्रताड़ित कर रहा है। वहीं, बलूचिस्तान की खबरों से दुनिया के रूबरू करवाने वाले Balochistan Post ने करीमा बलूच की मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका इस तरह से मृत मिलना कई गंभीर सवाल और चिंता प्रकट करता है।
करीमा ने साल 2016 में पाकिस्तान छोड़कर कनाड़ा की शरण ली थी। उनके पति हमल हैदर और भाई ने उनके शव की पहचान की है। बलूच नेशनल मूवमेंट ने उनके लिए 14 दिनों के शोक की घोषणा की है।
पीएम मोदी को बताया था भाई
करीमा बलूच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाई मानते हुए एक वीडियो मैसेज जारी किया था, जिसे तारक फतेह ने अपने यूट्यूब चैनल पर प्रसारित किया था। इस वीडियो में करीमा ने प्रधानमंत्री मोदी से बलूचिस्तान की महिलाओं का भाई बनने की भावुक अपील की थी। उन्होंने कहा था–
हम अपनी जंग खुद लड़ लेंगे, आप सिर्फ बलूचिस्तान की बहनों के भाई बनकर उनकी आवाज बन जाइए