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Last Modified: सोमवार, 16 मार्च 2015 (14:32 IST)

बिना धड़के यह दिल करता है काम

Heart
मेलबर्न। कोई दिल बगैर धड़कन के काम करे, यह आश्चर्यजनक, लेकिन वैज्ञानिकों ने यह सच कर दिखाया।

उन्होंने दुनिया का पहला बायोनिक (जैव इलेक्ट्रॉनिक) हार्ट विकसित किया है, जो बगैर किसी धड़कन के शरीर के विभिन्न अंगों तक रक्त का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगले तीन वर्षों में इसका इंसानों पर परीक्षण किया जा सकता है।

दिल का विकल्प बनने वाले बायोनिक हार्ट को विकसित करने का कमाल आस्ट्रेलिया के एक इंजीनियर डॉ. डेनियल टिम्स ने किया है। उन्होंने एक जिंदा और स्वस्थ भ़ेड में इस कृत्रिम दिल का प्रत्यारोपण करने में कामयाबी हासिल की है।

क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में अपनी पढ़ाई के दौरान 2001 में टिम्स ने इलेक्ट्रॉनिक दिल बनाने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया था। भविष्य में दिल की खराबी से जूझ रहे मरीजों के इलाज में कारगर साबित होने वाले अपने इस उपकरण का नाम टिम्स ने बाइवाकॉर रखा है।

उनका दावा है कि पूर्व में विकसित कृत्रिम दिल के मुकाबले बायोनिक हार्ट की उम्र दस वर्ष ज्यादा होगी। ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियर के मुताबिक बायोनिक हार्ट में एक ऐसी धारदार डिस्क लगा हुई है, जो प्रति मिनट 2000 परिक्रमण कर बगैर किसी धड़कन के खून को विभिन्न अंगों तक प्रवाहित करती है।

यह पूर्व में बने धड़कन आधारित कृत्रिम दिल से अलग है। इसमें पहले उपकरण की तरह गुब्बारे जैसी थैलियां नहीं हैं। बकौल टिम्स, 'भ़ेड में बायोनिक हार्ट के प्रत्यारोपण के दौरान हमने ख्याल रखा कि परीक्षण के लिए ऐसी भ़ेड का चयन किया जाए, जिसका सीना किसी महिला या बच्चे की तरह हो। हम इसमें कामयाब रहे। प्रत्यारोपण सफल रहा। (एजेंसियां)