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Last Updated : गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022 (12:33 IST)

Ukraine की ‘गैस क्‍वीन’ और सबसे ताकतवर महिला पीएम ‘यूलिया’ पुतिन को दिखाती थीं आंख, आज यूक्रेन को आ रही हैं याद

Ukraine की ‘गैस क्‍वीन’ और सबसे ताकतवर महिला पीएम ‘यूलिया’ पुतिन को दिखाती थीं आंख, आज यूक्रेन को आ रही हैं याद - Gas queen, yulia tymoshenko, female PM of Ukraine, former prime minister of Ukraine
फोटो: ट्विटर

आज भले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया हो, और यूक्रेन अंडर प्‍ले पोजिशन में है। लेकिन एक जमाने में यूक्रेन की एक ऐसी महिला पीएम रही हैं, जो पुतिन से भी नहीं डरती थीं और उन्‍हें आंख दिखाती थीं।

जी हां, यूलिया तेमोसेंकोवा यूक्रेन की पहली ऐसी महिला प्रधानमंत्री थीं, जो न सिर्फ दो बार यूक्रेन प्रधानमंत्री रहीं, बल्‍कि रूस के खि‍लाफ जमकर हमला बोलती थीं। वे पश्चिमी देशों से अच्‍छे संबंधों की हिमायती थीं और यूक्रेन को NATO में शामिल करना चाहती थीं।

आज जब यूक्रेन को रूस ने चारों तरफ से घेर लिया है तो ऐसे में यूक्रेन के नागरिक अपनी इसी पूर्व प्रधानमंत्री यूलिया को याद कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर यूलिया उनके देश की पीएम होती तो शायद ये स्‍थि‍ति नहीं होती।

गैस क्‍वीन से थीं लोकप्र‍िय
बता दें कि यूलिया यूक्रेन में बेहद लो‍कप्र‍िय थीं, वे यूक्रेन में गैस क्वीन के नाम से जानी जाती थीं। इसके पीछे वजह यह थी कि  उनका वहां गैस का बड़ा व्यापार था और यूलिया की यूक्रेन में सबसे सफल बिजनेस वुमन के तौर पर गिनती होती थी। बाद में वे राजनीति में आ गईं और यूक्रेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बन गईं। वे 2005 में और फिर 2007 से 2010 तक यूक्रेन की प्रधानमंत्री रहीं।

रूस को खुलेआम देती थीं धमकी
आज जो स्‍थि‍ति है वैसी स्‍थि‍ति यूक्रेन की उनके कार्यकाल में नहीं थी। उन्‍हें किसी भी कीमत पर रूस की गार्जियनशिप स्‍वीकार नहीं थी। वे रूस को खुलेआम धमकी देते हुए कहती थीं कि ‘एक इंच जमीन भी रूस को नहीं लेने दूंगी।’ यूक्रेन की आजादी के मामले में यूलिया बेहद एग्रेसिव थीं।

... और जेल में मिलीं यातनाएं
2010 में यूलिया ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा। नतीजों में वे विक्टर यूश्नकोव से केवल 3.3% वोट से पिछड़ गईं। विक्टर यूश्नकोव के राष्ट्रपति बनते ही यूलिया के बुरे दिन शुरू हो गए। प्रधानमंत्री रहते हुए रूस के साथ हुए एक गैस डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर राष्ट्रपति विक्टर यूश्नकोव ने उनको जेल में डाल दिया। वे 2011 से 2014 तक जेल में रहीं। विश्व ने उनकी गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले के रूप में देखा। जेल में उन्होंने काफी यातनाएं भी सहीं। जेल में रहते हुए उनको यूरोपीय यूनियन और अमेरिका समेत विश्व के कई देशों का समर्थन मिला।

2005 में यूलिया को फोर्ब्स मैग्जीन ने दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में तीसरे नंबर पर रखा था। यूलिया यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पूर्व सोवियत संघ के देशों में पहली महिला प्रधानमंत्री थीं।
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