हेलसिंकी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को अपनी पहली शिखर वार्ता में विश्व के दो सबसे बड़े परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों के बीच संबंधों में एक नई शुरुआत की प्रतिबद्धता जताई जिसमें हाल के समय में तनाव आ गया था।
दोनों नेताओं ने हेलसिंकी में बैठक से बाहर निकलने के बाद वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग की इच्छा जताई। ट्रंप और पुतिन ने इस बैठक में सीरिया, यूक्रेन और चीन से जुड़े मुद्दों के साथ ही व्यापार प्रशुल्क और अपने परमाणु हथियारों के जखीरे पर भी चर्चा की।
ट्रंप संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पुतिन के बगल में खड़े थे। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने चुनाव में हस्तक्षेप के बारे में काफी समय बातचीत की। ट्रंप ने हालांकि इस बारे में बातचीत को लेकर विस्तार से जानकारी नहीं दी या हस्तक्षेप की कोई स्पष्ट रूप से निंदा नहीं की।
ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि पुतिन ने चुनाव में रूस द्वारा किसी भी तरह के हस्तक्षेप की बात मजबूती से खारिज की और कहा कि विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मुलर की जांच अमेरिका के लिए घातक रही है। ट्रंप ने अपने प्रचार और क्रेमलिन के बीच किसी तरह की मिलीभगत से इंकार किया, वहीं पुतिन ने कहा कि रूस ने कभी भी अमेरिका के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है और उसकी आगे भी ऐसी कोई योजना नहीं है।
रूस पर अमेरिकी राजनीति में हस्तक्षेप के आरोपों के बावजूद पुतिन के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाने के इच्छुक ट्रंप ने शिखर वार्ता से पहले दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों के लिए अपने पूर्ववर्तियों की मूर्खता को जिम्मेदार ठहराया था।
ट्रंप ने कहा कि हमारे संबंध इतने खराब कभी नहीं रहे हैं, जैसे इस समय हैं। यद्यपि इसमें कुछ घंटे पहले परिवर्तन आया। मेरा वास्तव में यह मानना है। शिखर सम्मेलन केवल एक शुरुआत है। पुतिन ने कहा कि यह सभी के लिए स्पष्ट है कि द्विपक्षीय संबंध एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। यद्यपि इसके लिए कोई कारण नहीं हैं। वे बातचीत को बहुत सफल और उद्देश्यपूर्ण मानते हैं।
दोनों नेताओं ने दुभाषियों की मौजूदगी में आमने-सामने 2 घंटे से ज्यादा देर तक बैठक की जिसके बाद दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा टीमें भी उसमें शामिल हुईं। पुतिन के साथ अकेले बैठक करने के ट्रंप के फैसले से अमेरिका में बहुत सारे लोग बेचैन थे, क्योंकि उन्हें चिंता थी कि ट्रंप पुतिन के साथ कोई बुरा सौदा न कर लें।
अमेरिकी आलोचक चाहते थे कि 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस के कथित हस्तक्षेप की जांच में 12 रूसी सैन्य एजेंटों को मुलर द्वारा अभ्यारोपित किए जाने के बाद ट्रंप हेलसिंकी शिखर वार्ता रद्द कर दें, लेकिन ट्रंप टस से मस नहीं हुए और बैठक हुई। ट्रंप ने कहा कि वे दोनों देशों के बीच असाधारण संबंधों के निर्माण को लेकर आशान्वित हैं।
फुटबॉल विश्व कप की सफल मेजबानी के लिए ट्रंप और दूसरे वैश्विक नेताओं की बधाइयों को स्वीकार कर रहे पुतिन ने कहा कि हमारे संबंधों एवं दुनिया की समस्याओं को लेकर एक मजबूत तरीके से बात करने का समय आ गया है।
ट्रंप ने कहा कि बेबाकी से कहूं तो पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। मुझे सच में लगता है कि दुनिया हमारे बीच अच्छे संबंध देखना चाहती है। हम दो बड़ी परमाणु शक्तियां हैं। इसके जवाब में रूस के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया- 'हम इससे सहमत हैं।' (भाषा)