आर्मेनिया और अजरबैजान में टैंक-तोप के साथ भीषण युद्ध, जानिए लड़ाई की वजह
बाकू। सोवियत रूस से अलग हुए आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जमीन के एक हिस्से को लेकर युद्ध छिड़ गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध का ऐलान करते हुए टैंक, तोप और लड़ाकू हेलिकॉप्टरों को मैदान में उतार दिया है। दोनों ही देशों ने हमले में सामान्य नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। सीबीसी न्यूज के मुताबिक इस युद्ध में 16 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए हैं। हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन लोगों में सैनिकों और आम नागरिकों की संख्या कितनी है।
2 हेलीकॉप्टर और 3 ड्रोन किए तबाह : आर्मेनिया की सेना ने नागोरनो-काराबख क्षेत्र में अजरबैजान के 2 हेलिकॉप्टर और 3 ड्रोन को उड़ा दिया है। मंत्रालय ने कहा कि सेना ने यह कदम विवादित क्षेत्र में रिहायशी इलाकों में अजरबैजान की ओर से किए गए हमले के जवाब में उठाया गया है। इसके अलावा तीन टैंकों को भी उड़ा दिया है। आर्मेनिया ने टैंकों को निशाना बनाने को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है।
नगोरनो-करबाख के अधिकारियों ने बताया कि अजरबैजान से की ओर से दागे गए गोले राजधानी स्टेपनाकर्ट और मार्टाकर्ट एवं मार्टुनी कस्बों में गिरे। आर्मीनियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता आर्टसरन होवहानिसियन ने कहा कि अजरबैजान की ओर से दागे गोले आर्मीनिया की सीमा में वर्डनिस कस्बे के पास गिरे।
अजरबैजान की जवाबी कार्रवाई : जवाब में अजरबैजान ने कहा है कि आर्मेनिया के सशस्त्र बलों की युद्धक गतिविधि को दबाने और नागरिक आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे मोर्चे पर हमारे सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है। अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आर्मेनिया के हमले में उसके कई नागरिकों की मौत हुई है। उसका एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है, लेकिन इसके पायलट को बचा लिया गया है।
क्यों छिड़ी है दोनों देशों में जंग : दोनों देश 4400 वर्ग किलोमीटर में फैले नागोर्नो-काराबाख नाम के हिस्से पर कब्जा करना चाहते हैं। नागोर्नो-काराबाख इलाका अंतरराष्ट्रीय रूप से अजरबैजान का हिस्सा है लेकिन उस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का कब्जा है। 1991 में इस इलाके के लोगों ने खुद को अजरबैजान से स्वतंत्र घोषित करते हुए आर्मेनिया का हिस्सा घोषित कर दिया। अजरबैजान ने इसे सिरे से खारिज कर दिया और दोनों देशों के बीच जंग छिड़ गई।
रूस ने की युद्ध रोकने की मांग : रूस के रक्षा मंत्रालय ने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जारी युद्ध को तुरंत रोकने की मांग की है। रूस ने कहा है कि वह मध्यस्थता कर सकता है लेकिन, इसके लिए युद्धविराम की तत्काल जरूरत है।
पोप ने की शांति के लिए प्रार्थना : वेटिकन में कैथोलिक धर्म के शीर्ष नेता पोप ने रविवार को कहा कि वे दोनों देशों के बीच शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों से आह्वान किया कि वे सद्भावना और बंधुत्व के ठोस आधार पर संवाद के जरिए शांतिपूर्ण समाधान की पहल करें।