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Last Updated : सोमवार, 28 फ़रवरी 2022 (17:49 IST)

चीन ने अमेरिका से संबंधों में सुधार के लिए कदम उठाने की अपील की

चीन ने अमेरिका से संबंधों में सुधार के लिए कदम उठाने की अपील की - China appeals to America to take steps to improve relations
बीजिंग। ताइवान, व्यापार और अन्य मुद्दों पर विवाद बढ़ने के बीच चीन के शीर्ष राजनयिक ने अमेरिका से संबंधों में सुधार के लिए कदम उठाने की मांग की है। चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने सोमवार को यह बात शंघाई कम्यूनिक की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही।

 
इस पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की 1972 की चीन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए थे। राष्ट्रपति की इस यात्रा के 7 वर्ष पश्चात अमेरिका और चीन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, इसके आधार पर अमेरिका ने ताइवान के साथ औपचारिक संबंध समाप्त कर दिए थे। चीन, ताइवान पर अपना दावा करता है और उसका कहना है कि इस पर नियंत्रण के लिए अगर बल का इस्तेमाल करना पड़े तो वह इससे गुरेज नहीं करेगा।
 
वांग ने अमेरिका से संबंधों को पटरी पर लाने के लिए उचित और व्यावहारिक चीन नीति बहाल करने की अपील की। उन्होंने चीन की वह शिकायत भी दोहराई कि अमेरिका अपनी प्रतिबद्धताओं को बरकरार नहीं रख रहा है। उन्होंने कहा कि पक्षों को संबंधों की समीक्षा व्यापक परिदृश्य में अधिक समग्र रुख के साथ मतभेदों के बजाए सहयोगात्मक, एकांत के बजाए खुलापन और अलग करने के बजाए जोड़ने आदि के आधार पर करनी चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका को चीन को विकास में प्रतिद्वंद्वी के बजाए साझेदार के तौर पर देखना चाहिए।

 
कुछ दशकों में चीन और रूस के बीच संबंध प्रगाढ़ हुए हैं, वहीं रूस और अमेरिका के संबंधों में तल्खी यूक्रेन पर हमले में बाद उच्चतम स्तर पर प्रतीत हो रही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इस माह की शुरुआत में मुलाकात की थी। चीन ने रूस के आक्रमण पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की है।
 
चीन, भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के आक्रामक बर्ताव की कड़े शब्दों में निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर हुए मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था। सोमवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस पर प्रतिबंध राजनयिक समाधान की प्रकिया को बाधित करेगा।
 
कार्यक्रम में शामिल अमेरिका-चीन संबंधों पर राष्ट्रीय समिति के प्रमुख जैकब लीव ने कहा कि चीन को निर्णय करना चाहिए कि उसे किस ओर खड़ा होना है और यह समझना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय कानून के पक्ष में रहने की स्पष्ट इच्छा नहीं होने से अमेरिका के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों में और तल्खी आएगी।
 
गौरतलब है कि 1979 में ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के दौरान अमेरिकी कांग्रेस ने एक कानून पारित किया जिसमें यह आश्वासन दिया गया था कि अमेरिका सुनिश्चित करेगा कि ताइवान अपनी रक्षा खुद कर सके और द्वीप के समक्ष किसी भी खतरे का सामना कर सके। ताइवान का मुद्दा दोनों देशों के बीच तनाव के मुख्य मुद्दों में से एक है। शनिवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने ताइवान जलडमरू मध्य से निर्देशित मिसाइल विध्वंसक यूएसएस राल्फ जॉनसन के गुजरने पर आपत्ति जताई थी।
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