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Last Updated : गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (12:43 IST)

भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के 74 साल बाद मिले बिछड़े भाई, भाइयों का मिलन देख हर कोई फूट-फूटकर रोने लगा

भारत-पाकिस्‍तान बंटवारे के 74 साल बाद मिले बिछड़े भाई, भाइयों का मिलन देख हर कोई फूट-फूटकर रोने लगा - Brothers, India and Pakistan, brothers meet after 74 year
कहते हैं भाई का सहारा सबसे बड़ा सहारा होता है, भाई होने का मतलब है एक और एक ग्‍यारह। भाइयों के होने का अर्थ क्‍या होता है, इसकी हाल ही में एक मिसाल देखने को मिली।

करीब 74 साल पहले बिछड़े दो भाइयों को देखकर हर कोई हैरान और भावुक था। दो भाइयों की यह कहानी आपको भी रूला देगी।

दरअसल, भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय 74 साल पहले दो भाई बिछड़ गए थे। जब इन दोनों सगे भाइयों का बुधवार को मिलन हुआ तो दोनों फूट-फूटकर रोए। इतना ही नहीं, वहां मौजूद बाकी लोगों की आंखें भी नम हो गईं।

दो भाइयों का यह मिलन श्री करतारपुर साहिब में मिले। ये दो भाई पाकिस्तान के फैसलाबाद में रहने वाले मोहम्मद सदीक और भारत में रहने वाले मोहम्मद हबीब आका उर्फ शैला है।

दोनों भाइयों का मिलन पहले सोशल मीडिया की मदद से हुआ। बाद में हकीकत में मिले तो दोनों रो दिए।  
दोनों गले लगकर खूब रोए, फिर एक-दूसरे के आंसू पोंछे। हबीब ने अपने पाकिस्तानी भाई सदीक से कहा- चुप कर
जा, शुकर है मिल तां लिए…। हबीब ने अपने भाई सदीक को यह भी बताया कि उन्होंने सारा जीवन मां की सेवा में लगा दिया। मां की परवरिश के कारण शादी भी नहीं की।

यूं तो कॉरिडोर में पैर रखते ही पहली हिदायत दी जाती है कि भारतीय किसी भी पाकिस्तानी से बातचीत नहीं करेगा और न ही नंबर एक्सचेंज करेगा। कॉरिडोर पर अगर कोई भारतीय पाकिस्तान से बातचीत करता दिख भी जाता है तो पाक रेंजर्स तुरंत टोक देते हैं और एक्‍शन लेते हैं, लेकिन, इस मंजर के बाद तो पाक रेंजर्स का भी दिल पसीज गया।

दरअसल मीडि‍या रिपोर्ट के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के सीईओ मोहम्मद लातिफ ने बताया कि जब दोनों भाई एक दूसरे के गले मिले तो दोनों के  रोने की आवाज आई तो मिलन का यह मंजर देखकर उनका भी दिल पसीज गया। कुल मिलाकर बंटवारे के करीब 74 साल बाद मिले दोनों भाई को जैसे अपना परिवार मिल गया।