लाहौर। लाहौर स्थित पाकिस्तान के सबसे पुराने और बेहद प्रसिद्ध सूफी दरगाह में बुधवार को एक किशोर तालिबानी आत्मघाती हमलावर ने खुद को बम से उड़ा लिया। घटना में 10 लोगों की मौत हो गई और 25 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में 5 पुलिस कमांडो भी शामिल हैं। पाकिस्तान में अभी रमजान का पाक महीना मनाया जा रहा है।
पुलिस ने बताया कि 11वीं सदी के दाता दरबार दरगाह के गेट नंबर 2 के बाहर सुबह करीब पौने 9 बजे शक्तिशाली विस्फोट हुआ। दाता दरबार दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा सूफी दरगाह है, जहां सुरक्षा के लिये पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया जाता है।
सीसीटीवी फुटेज में यह नजर आ रहा है कि काली सलवार कमीज और बम से लैस जैकेट पहने एक किशोर लड़का पुलिसकर्मियों के वाहन के करीब जाता है और खुद को बम से उड़ा लेता है।
लाहौर पुलिस के प्रवक्ता सैयद मुबाशीर ने बताया कि आत्मघाती बम हमलावर करीब 15 साल का था और खुद को बम से उड़ाने से पहले उसने कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं की।
उन्होंने कहा कि विस्फोट में पांच पुलिसकर्मी समेत 10 लोग मारे गये हैं। 20 से अधिक घायलों का मायो अस्पताल लाहौर में इलाज चल रहा है जिनमें छह की हालत गंभीर है। उन्होंने बताया कि दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से अलग होकर बने जमात-उल-अहरार (जेईए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। मुबाशीर ने कहा, जमात अहरार ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है लेकिन फिलहाल जांच से पहले हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते।
पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक आरिफ नवाज ने पत्रकारों से कहा कि यह एक फिदायी हमला था और उनका निशाना सूफी संत अली हजवारी की दरगाह के बाहर खड़ा पुलिसकर्मियों का वाहन था। सूफी संत अली हजवारी दाता दरबार के नाम से मशहूर हैं।
उन्होंने कहा कि आत्मघाती बम हमलावर पुलिसकर्मियों के वाहन के करीब आया और खुद को बम से उड़ा लिया। हमले में 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार धमाके का असर इतना जोरदार था कि पास खड़े वाहनों और इमारतों की खिड़कियों के शीशे टूट गए। टेलीविजन पर जारी वीडियो फुटेज में दरगाह के आसपास खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त नजर आ रही हैं।
लाहौर की उपायुक्त सलेहा सईद ने मीडिया को बताया कि मायो अस्पताल में लाए गए मृतकों में से एक संदिग्ध हमलावर का है। उन्होंने कहा, यह फिदायी हमला था। हमले में बॉल बियरिंग का भी इस्तेमाल हुआ है।
मायो अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. यार मोहम्मद ने मरने वालों की संख्या 9 बताई है। उन्होंने कहा कि हमें 9 लोगों के शव मिले हैं, जिनमें पुलिसकर्मियों के शव भी शामिल हैं। 6 घायलों की स्थिति नाजुक है और डॉक्टर उनकी जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
रमजान के पाक महीने के दूसरे दिन बुधवार को यह हमला हुआ। दाता दरबार घनी आबादी वाला इलाका है और दरगाह में हर दिन हजारों लोग आते हैं।
यातायात पुलिस के वार्डन रिजवान अहमद ने कहा कि मैं अपनी ड्यूटी पर था तभी पास से जोरदार धमाके की आवाज सुनी। मैं घटनास्थल पहुंचा और वहां खून से लथपथ लोगों को देखा। मैंने आपात नंबर पर पुलिस को इत्तला किया और दो घायलों को मायो अस्पताल में भर्ती कराया।
धमाके के वक्त साफिया बीबी गेट नंबर दो से दरगाह के अंदर घुसने ही वाली थीं। घटना में वह घायल हो गयी हैं। मायो अस्पताल में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह सूफी संत का आशीर्वाद लेने के लिये यहां अपनी बेटी के साथ आयी थीं।
साफिया ने कहा कि मेरी बेटी दरगाह के अंदर चली गई थी और मैं उसके पीछे थी तभी मैंने जोरदार धमाके की आवाज सुनी। मैं बेहोश होकर गिर पड़ी। अस्पताल में मेरी बेहोशी टूटी जहां मैंने अपनी बेटी को पास बैठे देखा। अल्लाह की शुक्रगुजार हूं कि मेरी बेटी सुरक्षित है।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमले की कड़ी निंदा की और पंजाब सरकार को विस्फोट में घायल हुए लोगों और मारे गए लोगों के परिजन को हर संभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया।
पंजाब सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने भी हमले की निंदा की और मामले में जांच के आदेश देते हुए पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक एवं आंतरिक मामलों के अतिरिक्त मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है।
प्रांतीय कानून मंत्री बशरत रजा ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कुछ घायलों की हालत नाजुक है। उन्होंने कहा कि हम लोग इस कायराना कृत्य की निंदा करते हैं।
जांच के लिये इलाके की घेरोबंदी कर ली गयी है और राहत अभियान चलाया जा रहा है। दरगाह को खाली करा लिया गया है और घटनास्थल से श्रद्धालुओं को बाहर निकाल लिया गया है। घटना के बाद से दाता दरबार में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। दरगाह के पास स्थित शिक्षण संस्थान को बृहस्पतिवार तक बंद कर दिया गया है।
पुलिस और आतंकवाद रोधी विभाग के कर्मी तथा फॉरेंसिक अधिकारी काफी संख्या में मौजूद हैं और घटनास्थल से सबूत जुटा रहे हैं। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद वे इसकी जानकारी साझा करेंगे।
तमाम क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों और शहर की पुलिस के अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में सुरक्षा स्थिति की जांच करने तथा रमजान के महीने में सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।