पीएम मोदी पर बिलावल भुट्टो के जहरीले बोल, क्या होगा भारत का जवाब?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक बयान दिया है। बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल ने आतंकवाद पर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर की टिप्पणी के जवाब में कहा कि मैं भारत से कहना चाहता हूं कि ओसामा बिन लादेन तो मारा गया लेकिन गुजरात का कसाई अभी भी जिंदा है। वह भारत का प्रधानमंत्री है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हुई है कि पाकिस्तानी विदेशमंत्री की अशालीन टिप्पणी का भारत किस तरह जवाब देगा?
पीएम मोदी पर बोलते हुए पाकिस्तानी मंत्री अपनी सारी मर्यादा भूल गए। शिष्टाचार की सारी हदें पार करते हुए बिलावल ने अचानक भारतीय प्रधानमंत्री पर निजी हमले करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत के नहीं, RSS के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री हैं।
बिलावल इतने पर ही नहीं रूके। उन्होंने कहा कि भारत सरकार गांधी की विचारधारा में विश्वास करने के बजाय उनके कातिल के सिद्धांतो में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार हिटलर से प्रभावित है। बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद को पड़ोसी देश से सपोर्ट मिल रहा है और बाहरी तत्व बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही है।
गौरतलब है कि UNSC में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ा था। उनका कहना था कि जो दुनिया के लिए अस्वीकार है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए।
बिलावल की मां और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी भारत के खिलाफ अपने जहरीले बोल की वजह से पाकिस्तान की राजनीति में लोकप्रिय हुई थी। कहा जा रहा है कि बिलावल ने भी अपनी दिवंगत मां से प्रेरित होकर ही भारत विरोध का कार्ड खेला है। इससे वह पाकिस्तान में इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता को कम करना चाहते हैं। बिलावल ही नहीं पूरी शाहबाज सरकार ही अपने भारत विरोधी बयानों से पाकिस्तान में अपनी राजनीति चमकाना चाह रही है।
बहरहाल पाकिस्तानी विदेश मंत्री के बयान पर भारत को कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिए। भारत भले ही एक सहिष्णु देश हो लेकिन किसी अन्य देश के नेता द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की भाषा का प्रयोग बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। छोटी छोटी बातों को बड़ा मुद्दा बनाने वाली भाजपा की इस मामले में चुप्पी भी बेहद खलने वाली है।