अमेरिका UNESCO से फिर होगा अलग, 2 साल पहले ही दोबारा हुआ था शामिल
America will separate from UNESCO again: अमेरिका ने मंगलवार को घोषणा की कि वह संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) से फिर से बाहर निकल जाएगा क्योंकि वॉशिंगटन इसे इजराइल विरोधी पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानता है। यह कदम केवल 2 साल पहले ही अमेरिका के यूनेस्को में फिर से शामिल होने के बाद उठाया गया है। यह तीसरी बार होगा जब अमेरिका पेरिस आधारित यूनेस्को से बाहर निकल जाएगा। ट्रंप प्रशासन के दौरान यह दूसरी बार इस संगठन से अलग होगा।
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इस कदम की अभी पुष्टि नहीं : व्हाइट हाउस की उप प्रवक्ता एना केली ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका को यूनेस्को से बाहर करने का फैसला किया है जो विभाजनकारी सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दों का समर्थन करता है और उन व्यावहारिक नीतियों से पूरी तरह अलग है जिनके लिए अमेरिकियों ने नवंबर में वोट दिया था। यूनेस्को और व्हाइट हाउस ने अमेरिका के इस कदम की अभी पुष्टि नहीं की है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में इससे बाहर निकल गए थे। यह निर्णय 1 साल बाद प्रभावी हुआ। वर्ष 2011 में फलस्तीन को सदस्य राज्य के रूप में शामिल करने पर यूनेस्को के मतदान करने के बाद अमेरिका और इजराइल ने इसे वित्तीय सहायता देना बंद कर दिया था। इससे पहले रीगन प्रशासन के दौरान अमेरिका यूनेस्को से बाहर हो गया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन द्वारा संगठन में फिर से शामिल होने के लिए आवेदन किए जाने के पश्चात अमेरिका पांच साल की अनुपस्थिति के बाद इसमें वापस लौटा था। अमेरिका का यह ताजा निर्णय दिसंबर 2026 के अंत में प्रभावी होगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta