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Last Modified: गुरुवार, 24 अक्टूबर 2019 (15:24 IST)

करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ समझौता, दरबार साहिब जा सकेंगे श्रद्धालु

Kartarpur Corridor | करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ समझौता, दरबार साहिब जा सकेंगे श्रद्धालु
लाहौर। भारत और पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में जारी तनाव से प्रभावित हुए बिना गुरुवार को ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे अब भारत के सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित पवित्र दरबार साहिब तक जा पाएंगे।
यह गलियारा भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतापुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 4 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित है। समझौते पर हस्ताक्षर करने संबंधी कार्यक्रम का आयोजन नरोवाल में भारत-पाकिस्तान सीमा पर करतारपुर जीरो प्वॉइंट पर हुआ। इस समझौते के साथ ही गलियारे को चालू करने में आ रही मुख्य बाधा को दूर कर लिया गया है।
 
भारत की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने, जबकि पाकिस्तान की तरफ से पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने समझौते पर दस्तखत किए। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद फैसल ने मीडिया से कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपना वादा पूरा किया है और 1 साल के भीतर गलियारे को पूरा कर लिया।
समझौते पर हस्ताक्षर होने के तुरंत बाद श्रद्धालुओं का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया। इस समझौते के बाद अब पाकिस्तान के नरोवाल जिले के गुरुद्वारा दरबार साहिब तक इस गलियारे के जरिए पहुंचा जा सकेगा। गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु श्री नानकदेवजी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
 
समझौते के तहत श्रद्धालु सुबह के समय यहां पहुंचेंगे और गुरुद्वारा दरबार साहिब के दर्शन कर शाम तक लौटेंगे। हर दिन कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा के इस पवित्र स्थल तक आने की अनुमति दी जाएगी। प्रत्येक श्रद्धालु को 20 डॉलर शुल्क का भुगतान करना होगा। भारत ने पाकिस्तान से भारतीय श्रद्धालुओं से शुल्क नहीं वसूलने का आग्रह किया था।
 
3 चरणों की बातचीत के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सका। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान श्री नानकदेवजी की 550वीं जयंती से पहले 9 नवंबर को इस गलियारे का औपचारिक उद्घाटन करेंगे।
 
करतारपुर गलियारे के भारतीय क्षेत्र में आने वाले हिस्से का शिलान्यास उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पिछले साल नवंबर में पंजाब के गुरदासपुर जिले में किया था। इसके 2 दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नरोवाल में कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी।
 
गलियारा चालू करने संबंधी समझौते पर ऐसे समय हस्ताक्षर हुए हैं, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने और राज्य को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के भारत के 5 अगस्त के फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव जारी है।