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Last Updated :वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क , शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025 (18:53 IST)

तहव्वुर राणा ने मुंबई अटैक के बाद हेडली से कहा था, 'जो भारतीय डिजर्व करते हैं वही दिया'

After Mumbai attack
Tahavvur Hussain Rana Case : मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने कहा था कि भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए। उसने हमले के दौरान मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के 9 आतंकवादियों की सराहना करते हुए उन्हें पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार निशान-ए-हैदर दिए जाने की हिमायत की थी। अमेरिकी न्याय विभाग ने यह जानकारी दी। अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को भारत में मुकदमे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित कर दिया। उस पर, 2008 के मुंबई आतंकी हमले में कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोप हैं। इस हमले में छह अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे।
 
न्याय विभाग ने एक बयान में कहा, राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस जघन्य हमले में मारे गए थे। भारत का आरोप है कि राणा ने अपने बचपन के दोस्त (डेविड) हेडली को लश्कर ए तैयबा के संभावित हमला स्थलों की टोह लेने के लिए मुंबई की बेरोकटोक यात्रा करने में मदद की थी।
बयान के अनुसार, हमले के बाद, राणा ने हेडली से कहा था कि भारतीयों का यही हश्र होना चाहिए। बयान में कहा गया है, हेडली के साथ बातचीत में राणा ने हमले में मारे गए लश्कर के नौ आतंकवादियों की सराहना करते हुए कहा था कि उन्हें लड़ाई में वीरता पदर्शित करने के लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार- ‘निशान-ए-हैदर’-- दिया जाना चाहिए, जो युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों को दिया जाता है।
भारत का आरोप है कि हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों से प्रशिक्षण प्राप्त किया था और वह मुंबई हमले की साजिश रचने में आतंकवादी संगठन के साथ सीधे संपर्क में था। राणा अपने आव्रजन व्यवसाय की मुंबई शाखा खोलने और हेडली को कार्यालय का प्रबंधक नियुक्त करने के लिए सहमत हुआ, जबकि हेडली के पास आव्रजन संबंधी कामकाज का कोई अनुभव नहीं था।
दो अलग-अलग मौकों पर, राणा ने हेडली को वीजा आवेदन तैयार करने और इसे भारतीय अधिकारियों को सौंपने में मदद की थी। बयान में कहा गया है, दो साल से अधिक समय तक हेडली ने शिकागो में राणा से कई बार मुलाकात की और लश्कर-ए-तैयबा की ओर से ली गई टोह संबंधी गतिविधियों, हेडली की गतिविधियों पर लश्कर-ए-तैयबा की प्रतिक्रियाओं और मुंबई हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा की संभावित गतिवधियों के बारे में जानकारी दी थी।
 
वर्ष 2008 में 26 से 29 नवंबर के बीच लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में 12 समन्वित हमलों को अंजाम दिया था। बयान के अनुसार, ये हमले भारत में हुए सबसे भयानक और विनाशकारी हमलों में से एक थे। अमेरिकी न्याय विभाग के बयान में यह भी कहा गया है कि राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है, जिसमें उस पर आतंकवाद को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है।
वर्ष 2013 में राणा को इलिनॉय के उत्तरी जिले में लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा प्रायोजित लेकिन नाकाम रहे आतंकी हमले की साजिश रचने के लिए दोषी करार दिए जाने के बाद 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
बयान के अनुसार, इसी आपराधिक कार्यवाही के तहत हेडली ने 12 संघीय आतंकवाद के आरोपों में दोष स्वीकार किया, जिसमें मुंबई में छह अमेरिकियों की हत्या में सहायता करना और बाद में एक डेनिश अखबार के कार्यालय पर हमले की साजिश रचना शामिल था। उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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