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Last Updated : गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023 (23:14 IST)

Indore : प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर जलाने के मामले में बड़ा खुलासा, आरोपी ने हमले से पहले किए थे धमकी भरे मैसेज

Indore : प्रिंसिपल पर पेट्रोल डालकर जलाने के मामले में बड़ा खुलासा, आरोपी ने हमले से पहले किए थे धमकी भरे मैसेज - Indore : Big disclosure in the case of burning the principal by pouring petrol,  accused had sent threatening messages before the attack
इंदौर। इंदौर के एक निजी फार्मेसी महाविद्यालय के पूर्व छात्र द्वारा पेट्रोल डालकर जलाई गईं 54 वर्षीय महिला प्राचार्य की बेटी ने गुरुवार को कहा कि आरोपी ने इस जघन्य कृत्य से पहले उसकी मां को धमकी भरे मैसेज भेजे थे, लेकिन पुलिस ने इस बारे में शिकायत मिलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया।
 
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) द्वारा 20 फरवरी को पेट्रोल डालकर बुरी तरह जलाई गईं बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) शहर के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं।
 
शर्मा की बेटी देवांशी ने कहा कि मेरी मां को जलाए जाने से पहले श्रीवास्तव ने उन्हें वॉट्सऐप पर धमकी भरे संदेश भेजे थे जिससे वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थीं। इन संदेशों को लेकर पुलिस को शिकायत भी की गई थी।
 
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस शिकायत पर पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस इस शिकायत पर वक्त रहते कदम उठा लेती, तो आज मेरी मां सही-सलामत होतीं।
 
देवांशी ने कहा कि पेट्रोल डालकर जलाए जाने के बाद उनकी मां अस्पताल में भयंकर दर्द से गुजर रही हैं और एक बेटी के तौर पर उनके लिए उन्हें इस हाल में देखना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि इस जघन्य अपराध के मुजरिम को कानून के तहत सबसे कड़ी सजा मिले।
 
उधर, पुलिस अधीक्षक (देहात) भगवत सिंह विरदे ने कहा कि महिला प्राचार्य को पूर्व छात्र द्वारा धमकी भरे संदेश भेजने के मामले को देखा जाएगा, लेकिन ये संदेश हाल के दिनों में नहीं भेजे गए थे।
 
उन्होंने बताया कि श्रीवास्तव ने अंकसूची विवाद में अक्टूबर के दौरान महाविद्यालय के एक एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजय पटेल पर कथित रूप से चाकू से हमला किया था जिसमें वे घायल हो गए थे।
 
विरदे ने बताया कि पुलिस ने इसकी शिकायत मिलने पर श्रीवास्तव को तुरंत गिरफ्तार किया था और वह जमानत पर जेल से छूटा था।
 
गौरतलब है कि पुलिस ने श्रीवास्तव से शुरुआती पूछताछ के हवाले से बताया था कि उसने बी. फार्मा. की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी का प्रबंधन उसे उसकी अंकसूची नहीं दे रहा था।
 
श्रीवास्तव के हमले के शिकार एसोसिएट प्रोफेसर पटेल ने आरोपी के इस दावे को "सरासर झूठ" करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुझ पर श्रीवास्तव के हमले की प्राथमिकी का ब्योरा देते हुए हमने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से उसकी अंकसूची नवम्बर 2022 में हासिल कर ली थी। इसके बाद हमने श्रीवास्तव और उसके पिता को कई बार सूचना दी थी कि वे यह अंकसूची ले जाएं, लेकिन दोनों में से कोई भी अंकसूची लेने नहीं आया।
 
महाविद्यालय प्रबंधन के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जेल से छूटने के बाद श्रीवास्तव संस्थान की प्राचार्य और अन्य कर्मचारियों पर बेजा दबाव बना रहा था कि एसोसिएट प्रोफेसर पर चाकू से हमले को लेकर उसके खिलाफ चार महीने पहले दर्ज कराए गए मामले को वापस ले लिया जाए। भाषा Edited By : Sudhir Sharma
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