क्या एलियंस की धरती पर है नजर। क्या एलियंस धरती पर आते हैं। क्या एलियंस इंसानों के साथ ही रह रहे हैं। आखिर क्या है एलियंस का इरादा। धरती पर कब्जा, इंसानों को गुलाम बनाना या कुछ ओर।
दूसरे ग्रहों से धरती पर यूएफओ (UFO) या उड़नतश्तरी उतरने की अब तक कई खबरें सामने आ चुकी हैं। दावा किया जाता रहा है कि कई एलियंस धरती पर हजारों साल से आ रहे हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने इन एलियंस के आने के संकेत दिए हैं, तो कुछ कहते हैं कि एलियंस पहले से ही धरती पर इंसानों के साथ ही रह रहे हैं। कहा जाता है कि एलियंस इंसानों पर रिसर्च कर रहे हैं। इन घटनाओं के चलते एलियंस के धरती पर आने के मकसद से लेकर धरती पर मंडरा रहे खतरे को लेकर कई रिपोर्ट में अनुमान लगाए जा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जो भी हो धरती पर बार-बार आने वाली इस आसमानी आफत का एजेंडा शांतिपूर्ण तो कतई नहीं है।
हाल ही में अमेरिका में एफ-16 लड़ाकू विमान ने मिशिगन राज्य में हूरोन झील के ऊपर अमेरिकी हवाई क्षेत्र में लगभग 20 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ रही वस्तु को मार गिराने के लिए एआईएम9एक्स से हमला किया। यह दावा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर के मुताबिक किया गया है। दक्षिण कैरोलाइना के तट से दूर अटलांटिक महासागर में एक चीनी निगरानी गुब्बारे को मार गिराए जाने के बाद अज्ञात ऑब्जेक्ट को मार गिराए जाने की तीसरी घटना है। ऐसे में धरती पर यूएफओ (UFO) का खौफ बढ गया है।
अलेक्स डीट्रिश ने अपनी आंखों से देखा : जर्मनी में वरिष्ठ पत्रकार
राम यादव के मुताबिक अलेक्स डीट्रिश, 2004 वाली घटना की स्वयं प्रत्यक्षदर्शी रही हैं। उन दिनों वे अमेरिकी नौसेना में युद्धक विमान चलाने वाली 24 साल की लेफ्टिनेंट पायलट थीं। 14 नवंबर का दिन था। उनका विमानवाही युद्धपोत 'USS निमित्स' प्रशांत महासागार के सैन डियेगो द्वीप से क़रीब 160 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था। एक अभ्यास उड़ान के लिए अलेक्स अपने सहचालक, कमांडर डेविड फ़ैरोवर के साथ उड़ीं। तभी, कुछ दूर के एक दूसरे युद्धपोत का राडार एक ऐसी अजीब उड़नशील चीज़ दिखाने लगा, जो क़रीब 25 किलोमीटर की ऊंचाई पर से समुद्र की तरफ़ गिरती लग रही थी।
140 से ज्यादा हवाई घटनाएं : साल 2022 में एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 140 मामलों का डॉक्यूमेंट बनाया गया है। जिसे अमेरिकी मिलिट्री अधिकारियों ने अन-आईडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना कहा है। इसके अलावा भी 143 घटनाएं अलग-अलग जगहों से दर्ज की गईं। 2021 में एक वीडियो सामने आया था। जिसमें अन-आईडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना तेज गति से चलता दिखाई दिया। कर्कपैट्रिक का कहना है कि उसके बाद से 100 से ज्यादा घटनाओं की रिपोर्ट आ चुकी है। एक नेवी अधिकारी ने कहा था कि इस तरह की 400 घटनाएं हो चुकी हैं।
क्या था प्रोजेक्ट ब्लू बुक : साल 1969 में एक जांच शुरू की गई थी, जिसे प्रोजेक्ट ब्लू बुक नाम दिया गया था। इसमें 12618 बार यूएफओ देखने की बात कही गई थी। जिसमें से 701 घटनाओं का कोई खुलासा नहीं हो पाया था। साल 1994 में एयरफोर्स ने कहा था कि साल 1947 में न्यू मैक्सिको में रोजवेल घटना से संबंधित रिकॉर्ड का पता लगाने के लिए स्टडी कर ली गई है। इसमें पाया गया था कि रोजवेल के पास से बरामद की गई वस्तु एक गुब्बारे जैसी थी। लेकिन सेना की जांच में ये साफ नहीं हो पाया कि ये कोई एलियन से जुड़ी चीज थी। हालांकि पेंटागन ने कहा था कि बिना सबूत के धरती पर एलियंस की मौजूदगी नहीं मान सकते।
एलियंस : करते हैं धरती की सैर : मैल्कम रॉबिन्सन यूएफओ एक्सपर्ट हैं। वे अब तक एलियंस और यूएफओ पर 10 किताबें लिख चुके हैं। एलियंस के मामलों में उन्हें एक्सपर्ट माना जाता है।
डेली स्टार से बातचीत में मैल्कम ने बताया था कि एलियंस धरती पर आदिकाल से आ रहे हैं, इसकी शुरुआत उस वक्त हुई थी, जब गुफाओं में रहने वाले लोगों ने धरती पर घूमना शुरू किया था। वे यहां हजारों साल से क्यों आ रहे हैं, इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना तय है कि एलियंस का एजेंडा शांतिपूर्ण नहीं है। रॉबिन्सन के बयान के बाद इस बात की खोज चल रही है कि क्या एलियन दुनिया यानी धरती के लिए खतरा बन सकते हैं।
'सिल्वर बारिश' का राज
1954 में कैपिनस की घटना : एक घटना 1954 में हुई थी। जब ब्राजील के कैपिनस शहर में एक यूएफओ जैसी उड़ती हुई चीज देखी गई। जिसमें से कोई अज्ञात चीज लीक हो रही थी। ये चीज लीक होकर लोगों के घरों की छत और सड़कों पर भी गिरी थी। जिसे बाद में 'सिल्वर रंग की बारिश' कहा गया था।
1947 में क्रैश हुआ यूएफओ
1947 में रोजवेल की घटना : कुछ विशेषज्ञों ने कहा था कि 1947 में क्रैश हुए यूएफओ से ऐसी ही सामग्री गिरती हुई देखी गई थी। यह घटना अमेरिका के रोजवेल में हुई थी, जो न्यू मैक्सिको में है।
जब एलियन ने मांगा पानी
1961 में विस्कॉन्सिन की घटना : 18 अप्रैल, 1961 में विस्कॉन्सिन में एक किसान सिमंटन ने धातु से बनी एक उड़नतश्तरी अपने घर के बाहर उतरती देखी थी। उड़नतश्तरी में छोटे कद करीब 5 फीट के पुरुषों को देखा। जिनके बाल काले, आंखें गहरी और रंग काला था। उन्होंने काले और नेवी नीले रंग के स्वेटर और हेलमेट पहने थे। सिमंटन के मुताबिक इनमें से एक रसोइये की तरह दिख रहा था, जिसने पानी मांगा था। सिमंटन ने उसे पानी दिया तो एक एलियन ने इसका इस्तेमाल चिकनी और चौकोर ग्रिल जैसी सतह पर पैनकेक्स बनाने के लिए किया था। सिमंटन ने उनसे पैनकेक मांग था, जो गर्म और चिकना था। जब इसे चखकर देखा, तो यह स्वाद में एक कागज की तरह था। इसमें इसमें नमक नहीं था। यह बिल्कुल बेस्वाद था।
UFO में अमेरिका की भूमिका : यूएफओं के धरती पर आने के मामलों में अमेरिकी सेना और अमेरिकी खुफिया विभाग की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। कहा जाता है कि अमेरिका एलियंस से संबंधित जानकारियां छुपा रहा है। अमेरिका में कई ऐसी गुप्त जगहें हैं, जहां कोई नहीं जा सकता। ऐसी ही एक जगह है एरिया 51. सैटेलाइट से भी यहां की तस्वीरें नहीं ली जा सकती हैं। सवाल उठता है कि अमेरिका क्या और क्यों छुपा रहा है।
वॉशिंगटन एलियंस की फैवरेट जगह : एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका एलियन की पंसदीदा जगह है। एलियंस को वॉशिंगटन में सबसे अधिक डेढ़ लाख से ज्यादा बार यूएफओ देखने का दावा किया है। 1974 से दर्ज आंकड़ों के आधार पर यह दावा किया गया है। नेशनल यूएफओ रिपोर्टिंग सेंटर के रजिस्टर में यह आंकड़ा दर्ज है। साल 2020 में लॉकडाउन में रिटायर्ड अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया था कि अमेरिकी सरकार एलियन के बारे में बहुत कुछ जानती है। उनका दावा है कि वॉशिंगटन में 1 लाख लोगों में से 88 लोगों ने एलियंस देखने का दावा किया है।
क्या है पृथ्वी पर UFO का इतिहास
1. रिपोर्ट के मुताबिक 10 हजार ईसा पूर्व धरती पर एलियंस उतरे थे, जो 'ओरायन तारामंडल' से आते थे।
2. सबसे पहले चीन के खगोल विज्ञानी ने 410 ईसा पूर्व में उड़नतश्तरी देखने का किया था दावा।
3. इजीप्ट, मेसोपोटामिया, सुमेरियन, सिंधु घाटी, माया आदि सभ्यताओं के टेक्स्ट में उड़नतश्तरी का जिक्र।
4. विश्वभर के कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर कुछ जगहों पर छुपकर रहते हैं दूसरे ग्रह के एलियंस।
5. अमेरिकी महिला ब्रिगेट नीलसन और एलुना वर्स का दावा है कि हमने एलियंस के साथ सेक्स किया है।
6. 2010 की एक खबर के अनुसार 1948 के बाद एलियंस अमेरिका और ब्रिटेन के परमाणु मिसाइल वाले स्थलों पर कई बार मंडराए थे।
7. पेंटागन ने अमेरिकी संसद को बताया कि 2000 दशक में सुरक्षित इलाकों में अज्ञात उड़ने वाली वस्तुओं के देखे जाने में बढ़ोतरी हुई है।
8. अमेरिकी मानते हैं कि सेना ने नेवादा के एरिया-51 में एलियंस को कैद कर रखा है।
9. 1997 में हुए एक पोल के मुताबिक 80 फीसदी अमेरिकी मानते हैं कि UFO के मामले में उनसे सच्चाई छुपाई गई।
10. हिमालय के आसपास UFO देखे जाने की सैंकड़ों घटनाएं दर्ज की गई है।
11. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक गुफा में 10 हजार साल पुराने शैलचित्र मिले हैं, जिसमें से एक उड़नतश्तरी का चित्र भी है।
12. एलियंस यानी दूसरे ग्रह पर रहने वाले लोग जो उड़न तश्तरी यानी यूएफओ में सफर करते हैं।
13. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी यूएओ देखे जाने का दावा किया था। उन्होंने यह दावा एक टीवी शो के दौरान किया।
14. इससे कुछ समय पहले ही अमेरिकन नेवी के पूर्व लेफ्टिनेंट रायन ग्रेव्स ने भी मिलता-जुलता दावा किया था।
15. अमेरिकी लोग यह मानते हैं कि सेना और नासा ने मिलकर एरिया-51 नामक क्षेत्र में एलियंस को रखा है और वे ये बात दुनिया से छुपा रहे हैं।
16. अमेरिका में साल 1950 से ही कहा जाने लगा कि एरिया-51 में एलियंस रहते हैं। कंटीली बाड़ों के बीच रात-बेरात उड़ते विमानों की चमक दिखाई देना इस बात को और पुख्ता करता है। जून 1959 में पहली बार ये बात मीडिया में आई कि नेवादा के आसपास के लोग हरी चमक के साथ कुछ रहस्यमयी चीजों को उड़ता देख चुके हैं।
17. 2015 में अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने एरिया-51 के नाम से विख्यात खुफिया परीक्षण क्षेत्र के अस्तित्व को अधिकारिक रूप से स्वीकार किया था, परंतु कोई यह नहीं कहता है कि यहां एलियंस को रखा गया है।
18. 'एरिया 51' के पास स्थित रॉसवेल (न्यू मैक्सिको) नाम के क़स्बे से कुछ ही दूर 1947 में एक उड़नतश्तरी गिरकर ध्वस्त भी हो गई थी। उसके मलबे को आननफानन में 'एरिया 51' में कहीं छिपा दिया गया। इसमें एलियन के शव भी थे।
19. कहते हैं कि कथित परग्रही का वह कथित शव रॉजवेल के अंतरराष्ट्रीय UFO संग्रहालय में रखा हुआ है। शव मिलने और डॉक्टरों द्वारा उसकी चीर-फाड़ करने के दावे भी किए जाते रहे हैं।
20. दुनियाभर में यूएफओ देखे जाने की घटना का दावा किया गया है। अमेरिका, फ्रांस, रशिया, चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया में ऐसी घटनाओं को दर्ज किया गया है। भारत में गुजरात के जामनगर में, लद्दाख और अरुणाचय में यूएफओ देखे जाने की घटनाएं दर्ज की गई है। चीन के एक खगोल विज्ञानी ने दुनिया में पहली बार उड़नतश्तरी देखने का दावा किया था। उसके बाद से आकाश में इस तरह की चमकती वस्तुएं देखने की घटनाएं लगातार सामने आने लगीं और अमेरिका, फ्रांस, स्वीडन, रूस आदि देशों में इस पर अध्ययन के लिए कई समितियां गठित की गईं।
21. दावा है कि ये चमकदार उड़न तश्तरियां चीन की सीमा से आती हैं। यही वजह है कि उन पर दुनियाभर में कई फिल्में बन चुकी हैं, सैकड़ों किताबें लिखी जा चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि पिछले 2 हजार साल में अज्ञात वस्तुओं को आकाश में उड़ता देखने का दावा करने वालों की संख्या सैकड़ों थी, लेकिन पिछले 200 सालों में यह संख्या बढ़कर हजारों में पहुंच गई है।
edited by navin rangiyal