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Last Updated : शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2025 (19:38 IST)

Indore: 7 वर्षीय लड़की से क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म के मुजरिम को फांसी की सजा

आरोपी ने लड़की के साथ बेहद 'क्रूरता से दुष्कर्म किया जिससे उसके निजी अंगों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा।

Indore: 7 वर्षीय लड़की से क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म के मुजरिम को फांसी की सजा - Death sentence to the accused of raping a 7 year old girl
Indore court News: मध्यप्रदेश के इंदौर की एक विशेष अदालत (special court) ने 7 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म (raping) के 22 वर्षीय दोषी को शुक्रवार को फांसी (Execute) की सजा सुनाई। अभियोजन विभाग (department officia) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
 
विशेष न्यायाधीश सविता जड़िया ने मंगल पंवार (22) को तत्कालीन भारतीय दंड विधान की धारा 376 (एबी) (12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के 2 संबद्ध प्रावधानों के तहत मृत्युदंड सुनाया।ALSO READ: Indore के बिजनेसमैन के बेटे ने किया दुष्कर्म, रोमानिया से FIR दर्ज कराने इंदौर आई युवती
 
पॉक्सो अधिनियम से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने इस घटना के कारण पीड़िता को हुई मानसिक और शारीरिक पीड़ा के मद्देनजर उसे 5 लाख रुपए का मुआवजा प्रदान किए जाने का आदेश भी दिया।
 
प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजय कुमार मीना ने बताया कि आरोपी पंवार शहर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में 27 फरवरी 2024 को अपने घर के बाहर खेल रही 7 वर्षीय लड़की को पास के खाली भूखंड पर ले गया, जहां उसने उसके साथ बेहद 'क्रूरता से दुष्कर्म किया जिससे उसके निजी अंगों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा।
 
नाबालिग लड़की से 'क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म' की घटना : उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने नाबालिग लड़की से 'क्रूरतापूर्ण दुष्कर्म' की घटना को दुर्लभ से भी दुर्लभतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए मुजरिम को मृत्युदंड सुनाया। इस मामले में अभियोजन की ओर से खुद मीना ने पैरवी की थी। उन्होंने बताया कि पंवार के खिलाफ जुर्म साबित करने के लिए अदालत में अभियोजन की ओर से 22 गवाह, पीड़ित लड़की की मेडिकल रिपोर्ट और मुजरिम की डीएनए रिपोर्ट पेश की गई थी।ALSO READ: 7 साल की मासूम से दुष्कर्म, किन्नर बताकर कोर्ट को कर रहा था गुमराह, 2 वर्ष बाद मिली 20 साल की सजा
 
अदालत ने बलात्कार की पीड़िताओं के प्रति समाज के नजरिए पर चिंता जताते हुए अपने फैसले में टिप्पणी की कि अगर कोई महिला या लड़की या बच्ची दुष्कर्म के बाद जीवित रह जाती है तो उसकी जिंदगी मृत्यु से भी ज्यादा कष्टदायक हो जाती है।
 
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मुजरिम ने 7 वर्षीय बच्ची के साथ 'क्रूरतापूर्वक' दुष्कर्म किया और उसके यौनांगों को गंभीर क्षति पहुंचाई जिससे वह 20 दिन तक अस्पताल में भर्ती रही, जहां उसकी प्लास्टिक सर्जरी की गई।
 
अदालत ने सजा के मामले में मुजरिम के प्रति नरमी बरतने से इंकार करते हुए कहा कि उसकी मानसिकता के मद्देनजर वह भविष्य में भी ऐसा अपराध कर सकता है जिससे किसी पीड़ित व्यक्ति की जान जा सकती है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta