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Written By ND

जूना अखाड़ा की पहली पेशवाई

पूर्णिमा पर निकलेंगे पेशवाई अखाड़े

जूना अखाड़ा
SUNDAY MAGAZINE
कुंभ क्षेत्र में कुंभ पर्व का चौथा पर्व स्नान 30 जनवरी को है। इस माघ पूर्णिमा स्नान की तैयारी के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। माघ पूर्णिमा स्नान तो है ही साथ ही जूना अखाड़े की पहली पेशवाई भी निकलेगी। जूना अखाड़ा जिसमें 5 लाख नागा संतों की फौज की पेशवाई को नगर के प्रमुख स्थानों से शहर में प्रवेश कराकर उनके अखाड़े की धर्मध्वजा स्थल तक पहुँचाना भी प्रशासन के लिए एक दुष्कर काम होगा।

पेशवाइयों में सबसे पहले गुरु महाराज अखाड़े के आचार्य संत एवं फिर देवता फिर निशान इसके बाद डंका और फिर महामंडलेश्वर एवं अंत में नागा संन्यासी क्रमवार चलते हैं। इन पेशवाइयों में अस्त्र-शस्त्रों के प्रदर्शन के साथ ही ऊंट, घोड़े, हाथी भी संतों की सवारी लिए चलते हैं। इस दौरान नागा संयासी अपने युद्ध कौशल का पराक्रम भी विभिन्न करतब दिखाते हुए करते चलते हैं।

पेशवाइयों का बकायदा नगरवासी पुष्पवर्षा से स्वागत करने को कतारबद्ध होकर खड़े दिखाई देते हैं। श्रद्धालुओं में भी इनके दर्शन की लालसा होती है। माना जाता है कि पेशवाई में भागीदार संतों के दर्शनमात्र से ही गंगा स्नान के बराबर पुण्य प्राप्त हो जाता है। माघ पूर्णिमा का पर्व 12 वर्ष के बाद एक अनूठे योग में होने से भी इसका माहात्म्य बढ़ गया है।

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हालाँकि माघ पूर्णिमा में इलाहाबाद स्थित त्रिवेणी संगम को अधिक माहात्म्य माना जाता है। तथापि कुंभ के दौरान पड़ रहे इस स्नान का हरिद्वार में भी इस बार काफी माहात्म्य है।

इसके लिए देश-विदेश के श्रद्धालु हरिद्वार पहुँच गए हैं। कहा जाता है कि इस पर्व के स्नान से मनुष्य के जन्म-जन्मान्तर के पाप धुल जाते हैं। सूर्य इस पर्व पर मकर में तो कर्क राशि में चंद्रमा का प्रवेश होता है। ग्रहों की चाल से बनने वाले इस विशेष योग का पुण्य अर्जित करना हर हिंदू की अभिलाषा मानी जाती है।

स्नान के लिए प्रशासन दो लाख श्रद्धालुओं का आगमन होने का अनुमान लगा रहा है। वहीं इंडोनेशिया, जापान, फ्रांस, लंदन एवं अन्य तमाम देशों के श्रद्धालु भी आ पहुँचे हैं।