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Last Modified: गुरुवार, 15 जुलाई 2021 (20:02 IST)

टोक्यो ओलंपिक: ये 10 भारतीय एथलीट देश के लिए ला सकते हैं पदक

टोक्यो ओलंपिक: ये 10 भारतीय एथलीट देश के लिए ला सकते हैं पदक - Tokyo Olympics 2020: Top 10 medal contestants of India
टोक्यो ओलंपिक में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। जापान के टोक्यो में खेलों के महाकुंभ का आगाज 23 जुलाई से होगा और 8 अगस्त तक खेल के गलियारों में इसकी रौनक देखने को मिलेगी। टोक्यो 2020 में भारत के से भी कई एथलीट हिस्सा ले रहे हैं और सभी से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के जरिए उन 10 भारतीय एथलीट्स के नाम बताने जा रहे हैं, जिनसे पूरे देश को पदक की उम्मीद रहेगी... तो चलिए बिना देर किए डालते उन एथलीटों के नाम पर एक नजर-

पीवी सिंधु (बैडमिंटन)

रियो ओलंपिक में पहली बार देश के लिए रजत पदक जीतने वाली स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु से बार स्वर्ण पदक की उम्मीद की जाएगी। 2016 के रियो ओलिंपिक के फाइनल में सिंधु स्पेन की कैरोलीना मारेन से हारकर उपविजेता रहीं और सिल्वर मेडल जीता। वे बैडमिंटन में ओलिंपिक का सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं।

मौजूदा समय में विश्व रैंकिंग में सातवें नंबर पर काबिज सिंधु 3 विश्व चैंपियनशिप फाइनल, एशियाई खेलों में व्यक्तिगत रजत और टीम कांस्य, राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक इत्यादि जीत चुकी हैं।

मनु भाकर (निशानेबाजी)

टोक्यो ओलंपिक में वैसे तो 15 निशानेबाजों ने हिस्सा लिया है, लेकिन मनु भाकर पर सभी की नजरें टिकी होंगी, क्योंकि 19 साल की निशानेबाज खिताब जीतने की प्रबल दावेदार हैं। मनु भाकर टोक्यो 2020 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल के साथ-साथ 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में भी निशानेबाजी करेंगी।

वो एक अन्य युवा निशानेबाज़ सौरभ चौधरी के साथ जोड़ी बनाकर मिक्स इवेंट की श्रेणी में भी हिस्सा लेंगी। 19 वर्षीय खिलाड़ी 25 मीटर पिस्टल में कॉम्पटीशन करेंगी। मगर उन्होंने अब तक 10 मीटर एयर पिस्टल में काफी सफलता हासिल की है, इसलिए ये उनका मुख्य इवेंट होगा।

अमित पंघल (बॉक्सिंग)

अमित पंघल का नाम भी इस लिस्ट में शुमार है। अमित वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज हैं। पंघल ने साल 2018 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते हुए एशियाई खेलों के फाइनल में रियो ओलंपिक चैंपियन हसनबॉय दुस्मातोव को हराया था। इसके अलावा उसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और 2018 एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल भी जीता था।

वर्तमान में अपने भार वर्ग में दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी के स्थान पर मौजूद पंघल ने 49 किग्रो से 52 किग्रो भार वर्ग में बदलना पड़ा क्योंकि उनका भारवर्ग ओलंपिक से हटा दिया गया था। इन सबके बावजूद वो भारत के लिए एक बड़े मेडल की उम्मीद है।

विनेश फोगाट (रेसलिंग)

पिछले साल विनेश फोगाट ने कजाकिस्तान के नूर-सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के बाद ओलंपिक का टिकट अर्जित करने वाली पहली महिला पहलवान बनी थी। इससे ठीक एक साल पहले उन्होंने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों कें गोल्ड मेडल जीता था। 53 किग्रो वर्ग में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी को अब तलाश होगी अपने शानदार करियर में एक और गौरव हासिल करने की।

बजरंग पूनिया (कुश्ती)

इस लिस्ट में अगला नाम पहलवान बजरंग पूनिया का आता है। पूनिया भी उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिसने देश पदक की उम्मीद लगाए बैठा हुआ है। पूनिया ने साल 2018 के एशियन खेलों में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को एकतरफा मुकाबले में 11-8 से हराया था।

2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इसके अलावा 2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। 2021 में, उन्होंने रोम, इटली में आयोजित मैटेओ पेलिकोन रैंकिंग सीरीज 2021 में 65 किग्रा स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।

एमसी मैरी कॉम (बॉक्सिंग)

टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले भारतीय एथलीट्स की बात ही रही हो और उसमें एमसी मैरी कॉम के नाम का जिक्र न हो ऐसा भला कैसे हो सकता है। छह बार की वर्ल्ड चैंपियन और लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम अभी 38 साल की है, लेकिन उनकी रफ्तार अभी भी धीमी नहीं हुई है। 2019 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था। टोक्यो 2020 में भी वह भारत की बड़ी उम्मीद के तौर पर देखीं जा रही हैं।

एलावेनिल वलारिवन (शूटिंग)

एलावेनिल वलारिवन महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में वर्ल्ड नंबर-1 शूटर है और आगामी 23 जुलाई से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भारत के पदक की उम्मीदों में से एक है। युवा सुपरस्टार ने लगातार अच्छा प्रदर्शन कर टोक्यो का टिकट कटाया। आशा करते हैं कि, खेलों के महाकुंभ में जरुर अपनी छाप छोड़ने में सफल रहेगी।

मनिका बत्रा (टेबल टेनिस)

टोक्यो ओलंपिक में भारत की तरफ से मनिका बत्रा भारतीय टेबल टेनिस में महिला एकल मुकाबले का नेतृत्व करेंगी। रिया 2016 के ओलंपिक में डेब्यू करने के बाद मनिका ने कई मुकाबले अपने नाम किए हैं। जहां उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन रैंक के माध्यम से अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, अब उनकी नजर टोक्यो 2020 गेम्स पर रहेगी।

नीरज चोपड़ा (जेवलिन थ्रो)

हरियाणा के खंडार गांव में जन्मे नीरज चोपड़ा का अब तक का सफर काफी हैरान करने वाला रहा है। 12 साल की उम्र में मोटापे का शिकार नीरज को उनके घर वालों ने खेल से जोड़ा ताकि उनका वजन कम हो सके। जिसके बाद उन्होंने पानीपत के शिवजी स्टेडियम में नीरज ने जमकर ट्रेनिंग करना शुरू कर दिया। आज नीरज चोपड़ा खेल की दुनिया में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। नीरज भारत के लिए जेवलिन थ्रो के एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं और अब उनकी नजरें टोक्यो 2020 में देश का नाम ऊंचा करने पर रहेगी।

दीपिका कुमारी (तीरंदाजी)

इस लिस्ट में अंतिम नाम महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी का आता है। तीरंदाजी में उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2006 में हुई जब उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन की। यहां उन्होंने तीरंदाजी के सभी दांव-पेच सीखे। 2006 में मैरीदो मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कम्पाउंड एकल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

2009 में सिर्फ 15 साल की उम्र में दीपिका ने अमेरिका में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैंपियनशिप जीतकर अपने नाम का डंका बजाय। उसके बाद 2010 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक हासिल किया। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपने नाम किया। इसके बाद इस्तांबुल में 2011 और टोक्यो में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता।
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