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Written By WD Feature Desk

बीमारी खुद-ब-खुद भाग जाएगी, Autophagy को कर डालो एक्टिव

Natural Self Healing System| बीमारी खुद-ब-खुद भाग जाएगी, Autophagy को कर डालो एक्टिव
Natural Self Healing System : आपके शरीर में एक ऐसा हिलिंग सिस्टम है जो बीमारी से लड़ने के साथ ही नेचुअरल एजिंग प्रोसेस को भी रिवर्स कर सकता है। इसे ऑटोफैजी कहते हैं। यह एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें हमारी बॉडी अपने ही आपको क्लीन करना शुरु करके रोग को मिटा देती है। यह डेड और डैमेज सेल्स को खा जाती है और नए हेल्दी सेल्स का निर्माण करती है। परंतु अधिकतर लोगों की बॉडी में यह सिस्टम डिएक्टिव रहता है। इसे कैसे एक्टिव करें?
 
आपके शरीर के भीतर एक अदृश्य मशीन है जो एक वक्त में एक ही कार्य करती है और वह यह कि या तो वह आपका खाना पचाएगी या फिर वह आपके शरीर को स्वस्थ करेगी। जैसे जब हमारे पैर या हाथ में कोई घाव हो जाता है कि रात में सोने के दौरान वह मशीन उस घाव को भरने का कार्य करती है। दिन में यदि वह फ्री है तो भी वह यह काम करती है। इस अदृश्य मशीन का नाम है ऑटोफेजी जिसे आयुर्वेद में कहते हैं प्राण शक्ति।
 
1. इंटरमिटेंट फास्टिंग:- यह कई प्रकार की होती है। पहला है कि व्यक्ति इसमें डिनर के बाद 18 घंटे तक कुछ भी नहीं खाता और पीता है। यानी सुबह का चाय और नाश्‍ता भी छूट जाता है। कई लोग 16\8 की फास्टिंग कहते हैं यानी 16 घंटे उपवास और 8 घंटे खानपान, वहीं महिलाओं के लिए 14 से 15 घंटे की सलाह दी जाती है ऐसे में उनके पास 10 घंटे होते हैं। कुछ लोग एक सप्ताह में 24 घंटे कुछ भी नहीं खाते पीते हैं। कुछ लोग सप्ताह में 2 दिन उपवास करते हैं। इससे ऑटोफैगी हिलिंग सिस्टम एक्टिव होने लगता है।
 
2. कसरत:- प्रतिदिन योगासन नहीं कर सकते हैं तो सूर्य नमस्कार को ही अपनी जीवनशैली का अंग बनाएं। यह भी नहीं कर सकते हैं तो कम से कम आधा घंटा प्रात:काल धूप में घूमने का नियम बनाएं। यह भी नहीं कर सकते हैं तो घर में 10 मिनट तक हल्की फुल्की कसरत करें, रस्सी कूदें या डांस करें। इससे भी ऑटोफैगी हिलिंग सिस्टम एक्टिव रेट बढ़ जाता है।
 
3. हल्दी और अंगूर :- शोध के अनुसार हल्दी और अंगूर में ऐसे तत्व पाए जाते हैं तो ऑटोफैगी हिलिंग सिस्टम को मजबूत करते हैं। यह ऑटोफैगी सिस्टम को बढ़ने का काम करते हैं। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन नाम का कंपाउंड होता है और अंगूर के छिलकों में पाया जाना वाला रिजवेरेट्रोल दिमाग और नसों के अंदर ऑटोफेजी के प्रोसेस को प्रमोट करता है।
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4. तनाव से बचें:- यदि आप अनावश्यक रूप से तनाव लेते हैं या चिंता करते हैं तो इससे आपके इम्यून सिस्टम के साथ ही ऑटोफेजी सिस्टम भी प्रभावित होता है। तानाव का आपके शरीर में निगेटिव प्रभाव पड़ता है इसलिए तनाव से बचें और खुश रहने के उपाय करें।
 
5. हेल्दी फूड लें:- हेल्दी फूड का अर्थ है कि हम चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड्रिंक, मैदा, बेसन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि को छोड़कर शुद्ध शाकाहारी भोजन करें। हमें फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड आदि के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, दही, सलाद, अनार, लहसुन, बीन्स, फ्रूट और ड्राय फूड, फूलगोभी, नाशपाती, चकुंदर, सेब, चकोतरा, पपीता और अमरूद का सेवन करना चाहिए। 
 
6. नशे से दूर रहें:- शराब, तंबाकू और सिगरेट के नशे से दूर रहे क्योंकि यह हमारे इम्यून और ऑटोफेजी सिस्टम को कमजोर करता है।
 
7. अच्छी नींद लें:- नींद में हमारा ऑटोफेजी सिस्टम ज्यादा एक्टिव रहता है इसलिए पर्याप्त और अच्‍छी नींद लें।

- अनिरुद्ध जोशी
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि करना और किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
 
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