एक लाइन में न हो तीन दरवाजे
अमूमन स्थान के अभाव और प्लॉट की लंबाई को देखते हुए हमें ऐसा मकान बनाना पड़ता है, जिसमें सभी कमरे एक ही सीध में रेल के डिब्बों की तरह होते हैं। अक्सर सरकारी क्वाटर भी इसी तरीके से बने होते हैं जिनमें रहना मजबूरी होती है। वास्तु में ऐसा मकान अशुभ व दोषपूर्ण माना जाता है। किसी भी मकान में एक सीध में तीन द्वार होना बहुत दोषपूर्ण है, क्योंकि इन द्वारों में ऊर्जा बहुत तेजी से घुसकर उतनी ही तेजी से आखिरी द्वार से बाहर निकल जाती है। इसकी वजह से आखिरी कमरे में रहने वाले लोग बुरी तरह प्रभावित होते हैं। इस दोष से छुटकारा पाने के लिए बीच वाले द्वार की जगह बदल देनी चाहिए। आप चाहें तो उसे बंद रख सकते हैं या उसे पाटकर दीवार की दूसरी साइड से दरवाजा निकाल सकते हैं।