रविवार, 14 सितम्बर 2025
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Written By WD

पुश्किन की प्रेम कविता

कविता
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मैंने प्यार किया है तुमको
और बहुत संभव है अब भी
मेरे दिल में
इसी प्यार की
सुलग रही हो चिंगारी
किंतु प्यार मेरा तुमको
और न अब बेचैन करेगा
नहीं चाहता इस कारण ही
अब तुम पर गुजरे भारी

मैंने प्यार किया है तुमको
मुक-मौन रह आस बिना
हिचक-झिझक तो कभी जलन भी
मेरे मन को दहकाए
जैसे प्यार किया है मैंने
सच्‍चे मन से डूब तुम्‍हें
हे भगवान, दूसरा कोई
प्‍यार तुम्‍हें यों कर पाए।