आँखों के कोरों में
रचना श्रीवास्तव
दिन का ठिठुरनारात का पिघलनाआँखों के कोरों में हँसी का दर्दशब्दों की गर्दआँखों के कोरों में मेरा सिमटनातुम्हारा विस्तृत होनाआँखों के कोरों में चाहत की दहकस्पर्श की महकआँखों के कोरों में जीवन की गूंजआँसू की बूँदआँखों के कोरों में साभार : स्वर्ग विभा