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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 16 दिसंबर 2024 (16:44 IST)

किस बीमारी से हुआ तबला उस्‍ताद जाकिर हुसैन का निधन, क्‍या होता है IPF और कैसे इससे बचें?

कहीं आपको तो नहीं हैं इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी के लक्षण

Zakir Hussain Death Reason
Zakir Hussain Death Reason : भारत के मशहूर तबला वादक और कई पुरस्‍कारों से सम्‍मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया। मेडिकल रिपोर्ट और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फेफड़ों की समस्या ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ की जटिलताओं के कारण उनका निधन हुआ। जाकिर हुसैन के परिवार ने उनके निधन की पुष्‍टि की है। जानते हैं आखिर क्‍या होती है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) बीमारी। क्‍या हैं इसके लक्षण और कैसे इससे बचा जा सकता है। 
 
क्‍या है IPF : इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (IPF) एक गंभीर और जटिल श्वसन संबंधी बीमारी है, जो फेफड़ों के टिशु में असामान्य रूप से घनत्व और कठोरता बढ़ने के कारण होती है। इसका मुख्य प्रभाव फेफड़ों की कार्यक्षमता पर पड़ता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। "इडियोपैथिक" शब्द का मतलब है कि इस बीमारी का कारण स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं होता है, और इसे अधिकांश मामलों में कारणों का पता नहीं चल पाता।
 
क्‍यों होती है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस 
बता दें कि पल्मोनरी फाइब्रोसिस एक क्रोनिक बीमारी है। इस बीमारी में फेफड़ों के अंदर के टिशु समय के साथ कठोर हो जाते हैं, जिससे रक्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी आती है। हालांकि, इसके कारणों का सटीक पता नहीं चलता, लेकिन यह माना जाता है कि जीन, पर्यावरणीय कारक और सूजन की प्रतिक्रिया मिलकर इस बीमारी को जन्म देती हैं।
 
क्‍या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण
इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और वे समय के साथ बढ़ सकते हैं। इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं :
  1. सांस लेने में कठिनाई : प्रारंभ में यह लक्षण हल्का हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे फेफड़े अधिक कठोर होते जाते हैं, सांस लेने में परेशानी बढ़ने लगती है।
  2. खांसी : लगातार खांसी होना, जो आमतौर पर सूखी होती है, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का एक सामान्य लक्षण है।
  3. थकान : बीमारी के कारण व्यक्ति को अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है, क्योंकि शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता।
  4. वजन घटना : अगर यह बीमारी गंभीर हो जाती है, तो वजन कम हो सकता है, क्योंकि शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है। 
  5. हाथों और पैरों की नोकों पर नीले निशान (Cyanosis) : यह तब हो सकता है जब शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो।
  6. चेस्ट पेन और दबाव : कुछ मामलों में, छाती में हल्का दर्द या दबाव महसूस हो सकता है।
कैसे बच सकते हैं पल्मोनरी फाइब्रोसिस से :  
हालांकि इस बीमारी का कोई निश्चित कारण नहीं है, फिर भी कुछ उपाय हैं जो इसके जोखिम को कम कर सकते हैं :
 
1. धूम्रपान से बचें: अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ने का प्रयास करें। धूम्रपान फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और IPF के जोखिम को बढ़ा सकता है।
 
2. प्रदूषण से बचें: वायु प्रदूषण और रसायन जैसे उद्योगों से निकलने वाली हानिकारक गैसों से बचने की कोशिश करें।
 
3. स्वस्थ आहार लें: संतुलित आहार से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जो श्वसन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
 
4. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं: अगर आपको श्वसन संबंधी समस्याएं हैं, तो डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके।
 
5. पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों को अपनाएं: खतरनाक रसायनों, धूल और अन्य प्रदूषकों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों का पालन करें।
 
6. शारीरिक गतिविधि और फिटनेस: हल्की शारीरिक गतिविधि और व्यायाम करने से श्वसन प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए। 


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