Ear Pain in Winter : क्या आपको भी सर्दियों में होता है कान दर्द? तो इन 6 योगासन से पाएं तुरंत राहत
ठंड के दिनों में रोज करें ये योग अभ्यास
Yoga for Ear Pain : सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंडी हवाएं और कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, जिनमें से एक आम समस्या है कान का दर्द। ठंड के मौसम में कान में संक्रमण, ठंडी हवा के संपर्क या साइनस की समस्या के कारण कान दर्द हो सकता है। हालांकि, योग एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है, जो न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि कान दर्द जैसी समस्याओं में भी राहत देता है।
कान दर्द के कारण -
सर्दियों में कान दर्द के मुख्य कारण हो सकते हैं :
1. ठंडी हवा का सीधा संपर्क
2. साइनस संक्रमण
3. कान में मैल का जमाव
4. ईयर ड्रम पर दबाव
5. ठंड लगने के कारण कान की नसों में सूजन
इन समस्याओं को दूर करने के लिए योगासन बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं योग के कुछ आसान अभ्यास, जो कान दर्द में राहत दे सकते हैं -
1. बालासन (Childs Pose)
विधि :
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सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं।
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अपनी छाती को जांघों पर टिकाएं और हाथों को आगे की ओर फैलाएं।
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सिर को जमीन पर टिकाएं और गहरी सांस लें।
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इस स्थिति में 1-2 मिनट तक रहें।
लाभ :
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बालासन साइनस प्रेशर को कम करने में मदद करता है।
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कान के आसपास की नसों को आराम देता है और दर्द को कम करता है।
2. भ्रामरी प्राणायाम (Bee Breathing)
विधि :
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सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
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अपनी आंखें बंद करें और हाथों से कानों को हल्के से बंद करें।
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गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए “हम्म्म” की आवाज करें।
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इस प्रक्रिया को 5-7 बार दोहराएं।
लाभ :
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भ्रामरी प्राणायाम कान के अंदर होने वाले दबाव को कम करता है।
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यह कान दर्द और साइनस से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है।
3. गरुड़ासन (Eagle Pose)
विधि :
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सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को साथ रखें।
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दाएं पैर को बाईं जांघ पर लपेटें।
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दोनों हाथों को सामने लाएं और दाएं हाथ को बाएं हाथ के ऊपर लपेटें।
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इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर दूसरी ओर दोहराएं।
लाभ :
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गरुड़ासन कान और सिर के हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है।
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सर्दी-जुकाम के कारण होने वाले कान दर्द को कम करता है।
4. सेतु बंधासन (Bridge Pose)
विधि :
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पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ें।
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पैरों को जमीन पर स्थिर रखें और हाथों को शरीर के पास रखें।
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अब धीरे-धीरे कमर को ऊपर की ओर उठाएं।
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इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर सामान्य अवस्था में लौटें।
लाभ :
सेतु बंधासन सिर और कान के हिस्से में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है।
साइनस प्रेशर और कान दर्द में आराम देता है।
5. मत्स्यासन (Fish Pose)
विधि :
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पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को सीधा रखें।
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हथेलियों को जांघों के नीचे रखें।
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अब छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।
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इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
लाभ :
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मत्स्यासन साइनस और कान के आसपास के हिस्से को खोलता है।
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यह कान दर्द को कम करने में सहायक है।
6. अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog)
विधि :
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हाथों और पैरों के बल आकर पर्वत की स्थिति बनाएं।
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हाथ और पैर सीधे रखें, और शरीर को वी-आकार में लाएं।
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सिर को नीचे की ओर झुकाएं और गहरी सांस लें।
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इस स्थिति को 20-30 सेकंड तक बनाए रखें।
लाभ :
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अधोमुख श्वानासन से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है।
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साइनस और कान के दर्द में राहत मिलती है।
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