What vaccination do adults need: जब भी वैक्सीनेशन की बात होती है, तो अक्सर हमारा ध्यान सिर्फ बच्चों की तरफ जाता है। लेकिन आज के दौर में जहां बीमारियाँ रोज़ नए रूपों में सामने आ रही हैं, वहां हर वयस्क के लिए भी टीकाकरण (Vaccination) उतना ही आवश्यक हो गया है। इम्यूनिटी कमजोर होते ही शरीर कई तरह के संक्रमणों की चपेट में आ सकता है। इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है कि कुछ वैक्सीनेशन वयस्कों के लिए न सिर्फ सेहतमंद रहने का ज़रिया हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों से सुरक्षा कवच भी हैं।
महामारी के बाद लोगों ने टीकाकरण की अहमियत को महसूस किया है, लेकिन इसके बावजूद बहुत से वयस्क अभी भी यह नहीं जानते कि उन्हें कौन-कौन से टीके लगवाने चाहिए। इस लेख में हम विस्तार से बात करेंगे ऐसे 7 ज़रूरी वैक्सीनेशन के बारे में जिन्हें हर 18 साल से ऊपर के व्यक्ति को ज़रूर लेना चाहिए। इन वैक्सीनों से न केवल आपकी सेहत बेहतर होगी बल्कि आपके आस-पास के लोग भी संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे।
1. इन्फ्लूएंजा वैक्सीन (Flu Shot)
इन्फ्लूएंजा यानी मौसमी फ्लू को बहुत लोग साधारण सर्दी-खांसी समझ लेते हैं, लेकिन यह एक वायरल इन्फेक्शन है जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है। खासकर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, और क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित लोग इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। हर साल इन्फ्लूएंजा वायरस के नए स्ट्रेन्स सामने आते हैं, इसलिए यह वैक्सीन हर साल लगवाना आवश्यक होता है। इससे आप सर्दी-जुकाम, बुखार, गले की खराश और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं।
2. हेपेटाइटिस बी वैक्सीन
हेपेटाइटिस बी एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो लिवर को प्रभावित करता है और लंबे समय में लीवर फेलियर, सिरोसिस या लिवर कैंसर तक पहुंच सकता है। यह वायरस संक्रमित खून, सिरिंज, यौन संबंध और यहां तक कि जन्म के समय मां से बच्चे में भी फैल सकता है। हेपेटाइटिस बी का वैक्सीन तीन डोज में दिया जाता है और यह लंबे समय तक इम्यूनिटी प्रदान करता है। हेल्थकेयर वर्कर्स, मेडिकल स्टूडेंट्स, ट्रैवलर्स और जिनका लिवर कमजोर है, उन्हें यह वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
3. टी.डी.ए.पी वैक्सीन
Tetanus, Diphtheria और Pertussis (काली खांसी) तीनों गंभीर बीमारियां हैं जो वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती हैं। टी.डी.ए.पी वैक्सीन इन तीनों से सुरक्षा देती है। टिटनस किसी भी कट या घाव से शरीर में प्रवेश कर सकता है, डिप्थीरिया से गले में सूजन और सांस की दिक्कत होती है, जबकि काली खांसी लंबे समय तक चलने वाली खतरनाक खांसी होती है। यह वैक्सीन हर 10 साल में एक बार रिफ्रेश करना चाहिए, खासकर गर्भवती महिलाओं और उन लोगों को जो छोटे बच्चों के संपर्क में रहते हैं।
4. एचपीवी वैक्सीन
HPV यानी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस एक यौन संक्रमित वायरस है जो गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का मुख्य कारण है। यह वैक्सीन 9 से 45 साल तक की महिलाओं और पुरुषों दोनों को दी जा सकती है। खासतौर पर युवा महिलाओं के लिए यह वैक्सीन लाइफसेविंग मानी जाती है। भारत में अब इसे यूनिवर्सल वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी शामिल किया गया है। यह वैक्सीन न सिर्फ कैंसर से बचाव करती है, बल्कि यौन संक्रमित रोगों से भी सुरक्षा देती है।
5. प्न्यूमोकोकल वैक्सीन
Pneumococcal वैक्सीन बैक्टीरिया से होने वाले निमोनिया, मेनिन्जाइटिस और ब्लड इंफेक्शन से बचाव करती है। यह वैक्सीन खासकर 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों, डायबिटीज, किडनी या हृदय रोग से जूझ रहे लोगों और स्मोकर्स के लिए बेहद आवश्यक है। भारत जैसे देश में जहां सर्दियों में निमोनिया के मामले बहुत बढ़ जाते हैं, वहां यह वैक्सीन एक लाइफसेविंग विकल्प बन जाती है।
6. वरिसेला वैक्सीन (Chickenpox)
अगर आपको बचपन में चिकनपॉक्स नहीं हुआ है या आपने इसकी वैक्सीन नहीं ली है, तो वयस्क अवस्था में इस बीमारी का संक्रमण बेहद गंभीर हो सकता है। इसमें तेज बुखार, पूरे शरीर में फफोले और स्किन इन्फेक्शन होने की संभावना रहती है। वरिसेला वैक्सीन वयस्कों को चिकनपॉक्स से सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो ऑफिस या पब्लिक प्लेस में ज्यादा समय बिताते हैं।
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