इन 5 आदतों से बढ़ता है सेकंड हार्ट अटैक का खतरा
एक बार हृदयाघात होने पर मरीज को अधिक संभलकर रहने की जरूरत होती है। अपनी लाइफस्टाइल में पूरी तरह से बदलाव करना पड़ता है। क्योंकि आपका दिल पहले के मुकाबले कमजोर हो जाता है। खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है। बहुत अधिक तेल, जंक फूड खाने के लिए मना किया जाता है। साथ ही अधिक से अधिक योग, व्यायाम, मॉर्निंग वॉक करने की सलाह दी जाती है। हालांकि कई बार कुछ लापरवाही से भी सेकेंड हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। सेकंड हार्ट अटैक नहीं आए और स्वस्थ रहे इसके लिए इन 5 आदतों से आपको खुद को बचकर रहना जरूरी है आइए जानते हैं -
1.हार्ट अटैक का कारण ही स्ट्रेस होता है। अगर आपको पहली बार हार्ट अटैक आ गया है तो दूसरी बार संभलकर रहे। अपने आप को तनाव मुक्त रखें। डॉक्टर के संपर्क में रहे। परेशानी होने पर डॉक्टर से चर्चा करें। जितना अधिक तनाव से गिरे रहेंगे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ेगा और दवा का असर कम होगा।
2.डायबिटीज के मरीज है तो और अधिक संभल कर रहने की जरूरत है। इसके लिए सबसे अधिक लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी होता है। डाइट, फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है तो आपका दिल भी स्वस्थ्ा रहेगा और हार्ट अटैक का रिस्क भी कम हो जाएगा।
3. अगर आपका वजन अधिक है और हार्ट की बीमारी से ग्रसित है तो आपको सबसे पहले अपना वजन कम करने की जरूरत है। जी हां, जो लोग मोटे होते हैं, उनके लिए दिल का खतरा अधिक बढ़ जाता है। हार्ट अटैक से बचाव के लिए वजन कम करना बहुत अधिक जरूरी है।
4. हार्ट अटैक के बाद डॉक्टर द्वारा दी गईं दवाइयों का सेवन नियमित अनुसार करें। दवा में लापरवाही करने से हृदयाघात का रिस्क अधिक बढ़ जाता है। इसलिए नियमित दवाओं का सेवन करें। और डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।
5.अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो हार्ट अटैक का रिस्क अधिक बढ़ जाता है। हार्ट के मरीजों को बीपी कंट्रोल में रखना जरूरी होता है। इसके लिए कम से कम नमक और कैफीन का सेवन करें। और समय - समय पर ब्लड प्रेशर चेक करते रहे। कई बार बीपी भी बढ़ जाता है लेकिन पता नहीं चलता है। इसलिए नियमित रूप से बीपी की दवा लें वहीं अनियमितता से खतरा अधिक बढ़ जाता है।