Musical Aerobics : गरबे के साथ सेहत भी बनाएं, म्यूजिकल एरोबिक्स है नया ट्रेंड
नवरात्रों में गरबे की धूम क्या होती है, यह बात किसी से छुपी नहीं है, वहीं कोरोना काल में इस खास अवसर को लोग घरों में सेलेब्रेट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि सेहत के मामले में किसी बात की कोई कोताही नहीं। वहीं गरबे की प्रैक्टिस के दौरान म्यूजिकल एरोबिक्स का नया ट्रेंड सामने आया है जिसमें लोग म्यूजिकल एरोबिक्स के साथ गरबे का मजा ले रहे हैं। इसमें इन्जॉयमेंट के साथ सेहत और फिटनेस भी बनी रहती है।
वैसे भी हमेशा फिट रहना, एक्टिव रहना हर कोई चाहता है लेकिन व्यायाम के लिए अलग से समय निकालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। वहीं नवरात्रों के दिन लोगों में एक अलग ही उत्साह लेकर आते हैं जिसमें म्यूजिकल एरोबिक्स की तरफ लोगों का क्रेज बढ़ रहा है।
एरोबिक्स महिलाओं के बीच तो लोकप्रिय है ही, पुरुष भी इसे इसे खूब पसंद करते हैं। गरबे की मस्ती में हर कोई मस्त रहता है और म्यूजिकल एरोबिक्स भी लोगों को खूब भा रहा है। आइए नजर डालते हैं म्यूजिकल एरोबिक्स से सेहत को क्या-क्या लाभ मिलता है?
एरोबिक्स के फायदे
अवसाद से रखे दूर : आज अवसाद एक बड़ी समस्या है। इससे बचाव करने में एरोबिक्स काफी कारगर इलाज है। इसे मानसिक रूप से भी व्यक्ति खुद को स्वस्थ महसूस करता है।
अच्छी नींद : कोरोना काल में मानसिक तनाव भी सामने आ रहे हैं। भविष्य व नौकरी को लेकर चिंता युवाओं को घेर रही है जिसके कारण नींद न आने जैसी समस्या भी बहुत बड़ी बीमारी का रूप लेती जा रही है। ऐसे में नवरात्रों के दिनों में म्यूजिकल एरोबिक्स स्टेप्स न सिर्फ दिमाग को रिलैक्स करते हैं बल्कि अच्छी नींद की परेशानी को भी हल करते हैं।
हार्मोन को करे संतुलित : महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं काफी देखी जाती हैं। मासिक धर्म नियमित न होने की वजह से महिलाओं को प्रेग्नेंसी से जुड़ीं कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। एरोबिक्स से उन्हें काफी लाभ होता है।
वजन नियंत्रण में रखे : बढ़ते वजन से परेशान हैं तो नवरात्र के 9 दिन आपके लिए बहुत खास हैं। आप नियमित एरोबिक्स करके अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
बर्न होती है ज्यादा कैलोरी : इसके नियमित अभ्यास से शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। इम्युनिटी भी बढ़ती है।
समय सीमा बढ़ाते रहें : गरबे में म्यूजिकल एरोबिक्स में समय, स्पीड और डिस्टेंस धीरे-धीरे बढ़ाएं। पहले कम समय से शुरू करें फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएं।