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Written By WD
Last Modified: सोमवार, 13 जनवरी 2020 (18:10 IST)

खाएं या न खाएं: जैसा आपको बताया जा रहा है वैसा नहीं है घी

खाएं या न खाएं: जैसा आपको बताया जा रहा है वैसा नहीं है घी - health
जब भी आप किसी बीमारी की वजह से डॉक्‍टर के पास जाते हैं तो वो आपको तला-गला या घी खाने से बचने की सलाह देता है। यह एक आम सलाह है। खासतौर से हृदयरोग और मोटापे जैसे मामलों में घी को ही जिम्‍मेदार ठहराया जाता है। सवाल यह है कि किसे और कब घी खाना चाहिए और नहीं खाना चाहिए। ऐसे में आमतौर पर घी को गलत ही माना जाता रहा है, लेकिन शायद यह पूरी तरह से सही नहीं है।

आयुर्वेद में घी को दवा के रूप में माना गया है। इससे सभी तरह की समस्‍याओं से छुटकारा मिलता है। यह वात, पित्त को शांत करने के साथ ही कफ भी संतुलित करता है।

दरअसल, घी में अवगुण नहीं, बल्‍कि ज्‍यादातर गुण ही हैं। यह सच है कि पॉलीअनसैचुरेटेड वसा को आग पर चढ़ाना अस्वास्थकर होता है, क्योंकि ऐसा करने से पैरॉक्साइड्स और अन्य फ्री रेडिकल्स निकलते हैं। इन पदार्थों की वजह से अनेक बीमारियां और समस्याएं पैदा होती हैं। इसका अर्थ यह भी है कि वनस्पतिजन्य सभी खाद्य तेलों स्वास्थ्य के लिए कमोबेश हानिकारक तो हैं ही।

फायदेमंद है घी
दरअसल घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरी वसाओं की तुलना में बहुत अधिक है। यही वजह है कि पकाते समय वो आसानी से नहीं जलता। घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है। तो क्या वाकई घी इतना फायदेमंद है? अब तक तो सभी यही समझा रहे थे कि देशी घी ही रोगों की सबसे बड़ी जड़ है?

बढता नहीं, कम होता है कोलेस्‍ट्रॉल 
घी पर हुए शोध बताते हैं कि इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ जाता है। घी नाड़ी प्रणाली एवं मस्तिष्क के लिए भी श्रेष्ठ औषधि माना गया है। इससे आंखों पर पड़ने वाला दबाव कम होता है, इसलिए ग्लूकोमा के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।

भैंस नहीं, गाय का घी 
भैंस के दूध के मुकाबले गाय के दूध में वसा की मात्रा कम होती है इसलिए गाय के दूध से घी बनाए। हमेशा इतना बनाएं कि वह जल्दी ही खत्म हो जाए। अगले हफ्ते फिर से बनाए। गाय के दूध में सामान्य दूध की ही तरह ही प्रदूषण का असर हो सकता है, मसलन कीटनाशक और कृत्रिम खाद के अंश चारे के साथ गाय के पेट में जा सकते हैं। जैविक घी में इस तरह के प्रदूषण से बचने की कोशिश की जाती है। इसलिए संभव हो तो गाय के दूध में कीटनाशकों और रासायनिक खाद के अंश की जांच कराई जा सकती है।

तो घी जरुर खाएं
यदि आप स्वस्थ हैं तो घी जरूर खाएं, क्योंकि यह मक्खन से ज्‍यादा  सुरक्षित है। इसमें तेल से अधिक पोषक तत्व हैं। पंजाब और हरियाणा के निवासी सबसे ज्‍यादा घी का सेवन करते हैं। लेकिन सबसे अधिक फिट रहते हैं। 

घी के नुस्खे
एक चम्मच शुद्ध घी, एक चम्मच पिसी शकर, चौथाई चम्मच पिसी कालीमिर्च तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाटकर गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

रात को सोते समय एक गिलास मीठे दूध में एक चम्मच घी डालकर पीने से शरीर की खुश्की और दुर्बलता दूर होती है, नींद गहरी आती है, हड्डी बलवान होती है और सुबह शौच साफ आता है।

ठंड के दिनों में यह प्रयोग करने से शरीर में बल और वीर्य बढ़ता है और दुबलापन दूर होता है।
घी और छिलके सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शकर (बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें।

सुबह खाली पेट एक लड्डू चबाकर खाने और साथ में एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।