थायरॉइड से जुड़ी ये 10 बातें, जानना जरूरी हैं...
थायराॅइड की समस्या अक्सर महिलाओं में देखने को मिलती है। इसके कारण शरीर मे कुछ परिवर्तन भी साफ तौर पर दिखाई देते हैं, जिसमें वजन का अनियंत्रित होना भी शामिल है। थायराॅइड को लेकर कई तरह की गलतफैमियां भी लोगों में होती है।
दरअसल थायराॅइड की समस्या, गले में पाई जाने वाली थायराॅइड ग्रंथि और उससे स्त्रावित होने वाले हार्मोन्स पर निर्भर करती है, और यह आपके शरीर के अंगों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। जानते है, इससे जुड़ी 10 जरूरी बातें -
1 थायराॅइड कई तरह की बामीरियों को जन्म दे सकती है, इसके लिए मेडिकल टेस्ट और इलाज के लिए जरूरी प्रक्रिया को पूरा करना बेहद आवश्यक है।
2 यह बीमारी आपकी हड्डियों पर असर डालती है, इसीलिए डॉक्टर की सलाह से हेल्थ सप्लीमेंट और कैल्शियम का प्रयोग करना अति आवश्यक होता है।
3 थायराॅइड की समस्या महिलाओं के मासिक धर्म और उसकी अवधि को प्रभावित करती है। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर आपको दिल की बीमारी का शिकार भी बना सकती है।
4 यह बीमारी 35 वर्ष की आयु के बाद ज्यादातर महिलाओं में होने की संभावना बढ़ जाती है। कुछ मामलों में इससे कम उम्र में भी यह होती है। 60 की उम्र तक पहुचने पर हर पांच में से एक महिला को थायराॅइड की समस्या होती है।
5 युवावस्था में थायराॅइड होने पर माहवारी रूक-रूक कर आती है। कुछ स्थितियों में फिर स्त्राव रूक जाता है और गर्भधारण की क्षमता कम हो सकती है।
6 हाईपरथायराॅइड के रोगियों को गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी लगती है और उनका मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है, जिससे उन्हें पसीना अधिक आता है। वहीं हाईपोथाइराइड के मरीजों को सर्दियों में ठंड अधिक लगती है, और उनका मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है।
7 कुछ मामलों में रोगियों को आॅॅर्थराइटिस में इलाज कराने पर भी फायदा नहीं होता, जो टीएसएच के स्तर के बढ़ने के कारण होता है। ऐसे में थायराॅइड का इलाज कराने पर आर्थ्राइटिस में आराम मिलता है।
8 डॉक्टर्स थायरॉइड के रोगियों को प्रतिदिन कुछ देर धूप में बैठने की सलाह देते हैं। इसके अलावा आयोडीन, हरी सब्जियां, लहसुन, तिल, मशरूम भी थायराॅइड के रोगियों के लिए लाभदायक होती है।